राम मंदिर, अयोध्या 🙏 Ram Mandir Ayodhya in Hindi
राम मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम का जन्मस्थान माना जाता है।
राम मंदिर इतिहास
प्राचीन भारतीय महाकाव्य, रामायण के अनुसार, राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। 16वीं शताब्दी में, बाबर ने पूरे उत्तर भारत में मंदिरों पर आक्रमण की अपनी श्रृंखला में मंदिर पर हमला किया और उसे नष्ट कर दिया। बाद में, मुगलों ने एक मस्जिद, बाबरी मस्जिद का निर्माण किया, जिसे राम की जन्मभूमि, राम जन्मभूमि का स्थान माना जाता है। मस्जिद का सबसे पहला रिकॉर्ड 1767 में मिलता है, जो जेसुइट मिशनरी जोसेफ टिफेनथेलर द्वारा लिखित लैटिन पुस्तक डिस्क्रिप्टियो इंडिया में मिलता है।
राम मंदिर अयोध्या Ram Mandir Ayodhya |
1949 में, कुछ हिंदुओं ने मस्जिद के अंदर राम लल्ला की मूर्ति स्थापित कर दी। इसके बाद से, हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच इस स्थान पर विवाद रहा है।
2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश दिया।
राम मंदिर निर्माण
राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। वर्तमान में निर्माणाधीन मंदिर की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है।
राम मंदिर मंदिर की विशेषताएं
राम मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया जा रहा है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह 160 फीट ऊंचा और 140 फीट चौड़ा होगा। गर्भगृह में राम लल्ला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मंदिर परिसर में अन्य मंदिरों के अलावा एक सभागार, एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा।
राम मंदिर अयोध्या के कुछ रोचक तथ्य:
राम मंदिर हिंदू धर्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम का जन्मस्थान माना जाता है।
राम मंदिर को लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के बीच लंबे समय से विवाद रहा है। 2019 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश दिया।
राम मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया जा रहा है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह 160 फीट ऊंचा और 140 फीट चौड़ा होगा। गर्भगृह में राम लल्ला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मंदिर परिसर में अन्य मंदिरों के अलावा एक सभागार, एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा।
यहां कुछ और रोचक तथ्य दिए गए हैं:
- राम मंदिर का निर्माण 22 जनवरी 2024 को पूरा होने की उम्मीद है।
- मंदिर के निर्माण में लगभग 500 से अधिक कारीगर लगे हुए हैं।
- मंदिर के निर्माण में लगभग 50 लाख घन फीट लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया जाएगा।
- मंदिर की कुल लागत लगभग 1,500 करोड़ रुपये अनुमानित है।
- राम मंदिर अयोध्या का निर्माण एक ऐतिहासिक घटना है। यह मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन जाएगा।
राम मंदिर, अयोध्या का निर्माण
राम मंदिर, अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम का जन्मस्थान माना जाता है।
राम मंदिर अयोध्या |
राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया
राम मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया जा रहा है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह 160 फीट ऊंचा और 140 फीट चौड़ा होगा। गर्भगृह में राम लल्ला की मूर्ति स्थापित की जाएगी। मंदिर परिसर में अन्य मंदिरों के अलावा एक सभागार, एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा।
मंदिर निर्माण की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में विभाजित है:
- भूमिगत कार्य: मंदिर के निर्माण के लिए सबसे पहले भूमिगत कार्य किए गए। इसमें मंदिर के लिए नींव का निर्माण, भूमिगत जल निकासी व्यवस्था का निर्माण और अन्य आवश्यक कार्य शामिल थे।
- आधार निर्माण: भूमिगत कार्यों के पूरा होने के बाद, मंदिर के आधार का निर्माण किया गया। आधार निर्माण में मंदिर के मुख्य गर्भगृह और अन्य संरचनाओं के लिए नींव का निर्माण शामिल था।
- स्तंभ निर्माण: आधार निर्माण के पूरा होने के बाद, मंदिर के स्तंभों का निर्माण किया गया। स्तंभ निर्माण में मंदिर के मुख्य गर्भगृह और अन्य संरचनाओं के लिए स्तंभों का निर्माण शामिल था।
- गुंबद निर्माण: स्तंभ निर्माण के पूरा होने के बाद, मंदिर के गुंबदों का निर्माण किया गया। गुंबद निर्माण में मंदिर के मुख्य गर्भगृह और अन्य संरचनाओं के लिए गुंबदों का निर्माण शामिल था।
- सजावट: गुंबद निर्माण के पूरा होने के बाद, मंदिर की सजावट की गई। इसमें मंदिर के बाहरी और आंतरिक हिस्सों को सजाने के लिए विभिन्न प्रकार की नक्काशी और मूर्तिकला का काम शामिल था।
निर्माण में प्रयुक्त सामग्री
राम मंदिर के निर्माण में निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जा रहा है:
- लाल बलुआ पत्थर: मंदिर के निर्माण में मुख्य रूप से लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। लाल बलुआ पत्थर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या जिले से प्राप्त किया जा रहा है।
- ग्रेनाइट पत्थर: मंदिर के निर्माण में ग्रेनाइट पत्थर का भी उपयोग किया जा रहा है। ग्रेनाइट पत्थर भारत के अन्य राज्यों से प्राप्त किया जा रहा है।
- कांस्य: मंदिर के गुंबदों और अन्य संरचनाओं को सजाने के लिए कांस्य का उपयोग किया जा रहा है।
- लकड़ी: मंदिर की छत और अन्य संरचनाओं को सजाने के लिए लकड़ी का उपयोग किया जा रहा है।
निर्माण में प्रयुक्त तकनीक
राम मंदिर के निर्माण में पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार की तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। पारंपरिक तकनीकों में पत्थरों को हाथ से तराशना और नक्काशी करना शामिल है। आधुनिक तकनीकों में कंप्यूटर सहायता प्राप्त डिजाइन और निर्माण शामिल है।
निर्माण की प्रगति
राम मंदिर का निर्माण 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन के साथ शुरू हुआ। 2022 तक, मंदिर का आधार निर्माण, स्तंभ निर्माण और गुंबद निर्माण पूरा हो चुका है। मंदिर की सजावट का काम जारी है।
राम मंदिर का महत्व
राम मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख देवता राम को समर्पित है। राम मंदिर के निर्माण से हिंदू धर्म के अनुयायियों में खुशी और उत्साह का माहौल है।
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