Hndi Diwas Par Dohe: 14 सितम्बर को पूरे भारत में और 10 जनवरी को हिंदी भाषा के सम्मान में पूरे विश्व में हिंदी को समर्पित दिवस मनाया जाता है। इसी विषय पर आधारित है हिंदी भाषा को समर्पित यह दोहा संग्रह ” हिंदी दिवस पर दोहे ”
हिंदी दिवस पर दोहे अर्थ सहित | Hindi Diwas Par Dohe
हिंदी पुरातन भाष है, जिसमें भाव अपार।
सहज सरल सरस इतनी, कि सीख रहा संसार।।
साहित्य इसका महान, जग में है पहचान।
युगों का बखान इसमें, मिलता सारा ज्ञान।।
जहां सारा अचरज है, पढ़ के ग्रंथ पुराण।
लौकिक है ज्ञान इसमें, वांचता हर सुजान।।
संस्कृत से ही हिंदी है, हिंदी समझता देस।
हिंदी से ही संस्कृति है, मिटाता सकल द्वेष।।
हिंदी भाषा बोली से, बोलचाल आसान।
शालीन मधु वाणी से, पिघल जात पासान।।
राष्ट्र एक भाषा भी, सिवा हिंदी न विकल्प।
भाषा में न बंटे देश, ना हो कलंकित कल्प।।
कहे सिंधवाल आप से, मन में करें चिंतन।
हिंदी के प्रसार से ही, नव विश्व करें सृजन।।
हिंदी के प्रति हिंनता मन से करें समाप्त
विश्व मंच पर तभी से होगा गौरव प्राप्त..!
हिंदी भारत देश की जनता की आवाज
हो इस में संपन्न प्रशासन के सब काज..!
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का हाल
निज भाषा कोई नहीं हाल बड़े बिहाल..!
हिंदी पखवाड़ा यहां ऐसे सदा बनाए
जैसे हम पितु मात्त का श्रद्धा कर्म करवाएं..!
भारत ही एक देश है जिसमें ऐसा हुए
मुख्य अदालत की नहीं अपनी भाषा कोय..!
हिन्दी से अभिव्यक्ति के सभी कार्य हैं साध्य
फिर अंग्रेजी पालकी क्यों ढोने को बाध्य..!
पर – भाषा के धो रहे, हम हँस हँसकर पाँव
पर निज भाषा के लिए बची न घर में ठाँव..!
इक दूजे पर टालते, जाए किसके पास
बेटों के व्यवहार से, हिन्दी हुई उदास..!
बने कार्य व्यवहार की हिन्दी भाषा आज
तब कल इसके शीश पर होगा गौरव ताज..!
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