गणेश जी के 10 लोकप्रिय भजन लिरिक्स | Ganesh ji Bhajan Lyrics In Hindi
आज हम आपके लिए पूरे इंटरनेट से खोज कर लाए हैं गणेश जी के प्रिय भजन यह भजन बहुत ही फेमस है और हर बार गणेश चतुर्थी के मौके पर गणेश जी के हर पंडाल पर भक्तों के द्वारा गाए जाते हैं इन भजनों को घर पर महिलाएं और पुरुष अपने गणपति के सामने भी गा सकते हैं यह भजन गाने में बहुत सरल है और आसानी से सीखे और गए जा सकते हैं।
गणेश जी के भजन |
1. घर में पधारो गजाननजी मेरे घर में पधारो लिरिक्स
घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो ।
राम जी आना, लक्ष्मण जी आना
संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो ॥
ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना
भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥
लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना
सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥
विघन को हारना, मंगल करना,
कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो ॥
2. जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश लिरिक्स
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
प्रथमे गौरा जी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,
त्रितिये सुमीरु शारदा,
मेरे कारज करो हमेश ।
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
किस जननी ने तुझे जनम दियो है,
किस जननी ने तुझे जनम दियो है,
किसने दियो उपदेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
माता गौरा ने तेनू जनम दियो है,
माता गौरा ने तेनू जनम दियो है,
शिव ने दियो उपदेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
कारज पूरण कदहि होवे,
कारज पूरण कदहि होवे,
गणपति पूजो जी हमेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
3. गणपती आरती सुखकर्ता दुखहर्ता लिरिक्स
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
4. सिंदूर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको लिरिक्स
सिंदूर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको।
हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥1॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥धृ॥
अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि।
विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी।
कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि ॥2॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥
भावभगत से कोई शरणागत आवे।
संतत संपत सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे।
गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे ॥3॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता ॥
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गणेश जी के भजन लिखे हुए
5. रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति लिरिक्स
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।।
सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये,
आज बिगड़ी हमारी बना लीजिये,
ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की,
तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।।
तेरी भक्ति का दील मे नशा चूर हो,
बस आँखो मे बाबा तेरा नूर हो,
कण्ठ पे शारदा माँ हमेशा रहे,
रिध्धि सिद्धि का वर ही हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति।।
सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम,
सारे वेदों मे ज्ञानो के ज्ञाता हो तुम,
ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहे,
बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति।।
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो
6. मोरया रे बाप्पा मोरिया रे लिरिक्स
गणपति बाप्पा मोरया ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
मोरया रे बाप्पा मोरया रे
गणपति बाप्पा मोरया ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
बाप्पा बाप्पा मोरया ,
मोरया रे बाप्पा मोरया रे
स्वामी त्रिकाल का करता,
तू सुखदाता दुखहरता,
मंगल मूर्ति मोरया ,
सब में तेरा मन रमता,
जग में जहा जहा जाऊ,
तेरा रूप वहा पाऊ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
तेरा नाम सदा गाऊ
मोरया रे बाप्पा मोरया रे,
मोरया मोरया ,गणपति बाप्पा मोरया ,
गणपति बाप्पा मोरया,
मंगल मूर्ति मोरया
गणपति बाप्पा मोरया ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
मोरया रे बाप्पा मोरया रे
7. आनंद उमंग जय हो गणपति महाराज की लिरिक्स
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की
जग में आनंद
जय हो गणपति महाराज की
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की
गोरा जी के लाल जी
जय भोले जी के लाल की
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की
जग में आनंद
जय हो गणपति महाराज की
जग में आनंद
जय हो गणपति महाराज की
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की
जग में आनंद
जय हो गणपति महाराज की
गोरा जी के लाल जी
जय भोले जी के लाल की
गोरा जी के लाल जी
जय भोले जी के लाल की
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की
जग में आनंद
जय हो गणपति महाराज की
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की
कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति
लाल की
दर्शन दिखाने भक्तो के
प्रतिपाल की
कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति
लाल की
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की
गजमुख गजानन है
गोरा जी के लाल की
गजमुख गजानन है
गोरा जी के लाल की
आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की जग में आनंद
जय हो गणपति महाराज की कोटि ब्रह्माण्ड के अधिपति
लाल की आनंद उमंग
जय हो गणपति महाराज की जग में आनंद
जय हो गणपति महाराज की
8. ॐ गं गणपतये नमो नमः मंत्र लिरिक्स
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
ॐ गं गणपतये नमो नम:
श्री सिद्धि विनायक नमो नम:
अष्टविनायक नमो नम:
गणपती बाप्पा मोरया ||
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गणेश जी के भजन लिखे हुए
9. श्री गणेश गणेश शरणम ममः श्री लम्बोदर शरणम ममः लिरिक्स
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
गौरी पुत्र को सुमिरन करके,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
गौरी पुत्र को सुमिरन करके,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
आकाश और पाताल बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
वन वन की हरियाली बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री एकदन्त शरणम ममः,
सूर्य चंद्र ब्रह्माण्ड बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
सर्व जगत व्यापक बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री वक्रतुण्ड शरणम ममः,
दूर्वा और कुमकुम अक्षत बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
मोदक और मूषक बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री शिवनंदन शरणम ममः,
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
विनायक की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री शूर्पकर्प शरणम ममः,
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
संकष्टी की चौथ बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री भालचंद्र शरणम ममः,
मंगलवारी चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
अंगारिका चौथ बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री चतुर्भुज शरणम ममः,
माघसुद की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
तिल चतुर्थी हर पल बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री सिद्धिदायक शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
10. एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि लिरिक्स
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि ।
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥
गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि ।
गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि ।
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि ।
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि ।
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥
गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने ।
गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे ।
गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने ।
गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय गुरवे गुणगुरवे ।
गुरुदैत्यगलच्छेत्रे गुरुधर्मसदाराध्याय ।
गुरुपुत्रपरित्रात्रे गुरुपाखण्डखण्डकाय ।
गीतसाराय गीततत्त्वाय गीतगोत्राय धीमहि ।
गूढगुल्फाय गन्धमत्ताय गोजयप्रदाय धीमहि ।
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि ।
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि ।
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥
ग्रन्थगीताय ग्रन्थगेयाय ग्रन्थान्तरात्मने ।
गीतलीनाय गीताश्रयाय गीतवाद्यपटवे ।
गेयचरिताय गायकवराय गन्धर्वप्रियकृते ।
गायकाधीनविग्रहाय गङ्गाजलप्रणयवते ।
गौरीस्तनन्धयाय गौरीहृदयनन्दनाय ।
गौरभानुसुताय गौरीगणेश्वराय ।
गौरीप्रणयाय गौरीप्रवणाय गौरभावाय धीमहि ।
गोसहस्राय गोवर्धनाय गोपगोपाय धीमहि ।
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि ।
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि ।
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥
*****
आपको यह लिखे हुए गणेश जी के भजन कैसे लगे हमें कमेंट में जरूर बताइएगा ताकि हम आगे भी आपके लिए इसी तरह से गणेश जी के भजन गणेश चतुर्थी के मौके पर लेकर आते रहे।
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