रक्षाबंधन का त्यौहार क्या है रक्षाबंधन कब से और क्यों मनाया जाता है कहानी | Raksha Bandhan kya hai Raksha Bandhan kyon manaya jata hai kahani

0

रक्षाबंधन का त्यौहार क्या है रक्षाबंधन कब से और क्यों मनाया जाता है कहानी | Raksha Bandhan kya hai Raksha Bandhan kyon manaya jata hai kahani

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे रक्षाबंधन त्योहार के बारे में रक्षाबंधन का त्यौहार क्या है और यह कब से मनाया जाता है?

रक्षाबंधन क्या है

रक्षाबंधन एक पारंपरिक हिन्दू त्योहार है जो भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो जुलाई या अगस्त में पड़ती है। "रक्षाबंधन" शब्द का अर्थ होता है "रक्षा का बंधन" यानी भाई और बहन के बीच में प्यार और स्नेह का बंधन।

Raksha Bandhan kya hai Raksha Bandhan kyon manaya jata hai kahani
Raksha Bandhan kya hai Raksha Bandhan kyon manaya jata hai kahani

रक्षाबंधन में क्या करते हैं

इस त्योहार में बहन अपने भाई की कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई उसकी सुरक्षा के लिए प्रतिज्ञित है। ये धागा एक तरीके से एक प्रतिज्ञा का धागा है. जिस को बांधने के बाद बहन भाई से प्रतिज्ञा लेती है कि जब तक ये धागा आपके हाथ में है आप प्रतिज्ञा लीजिए की आप मेरी रक्षा करोगे मेरा ख्याल रखोगे।

और वो धागा तब तक भाई के हाथ में रहता है जब तक दूसरा रक्षाबंधन ना आ जाए। ये बात अलग है कि अब वो धागा कुछ ही दिनों में खुल जाता है परंतू इसका मतलब ये नहीं होता कि भाई अब रक्षा नहीं करेगा।

एक भाई बहन के लिए हमें एक दूसरे पिता की तरह ही होता है. मेरा मानना तो यही है कि जैसा एक पिता सारी जिम्मेदारी एक साथ निभाते ही हैं परंतु जैसे ही एक बेटा जन्म लेता है पिता अपनी कुछ जिम्मेदारी अपने बेटे को दे देते हैं। जिस में सबसे प्रथम होता है बहन की रक्षा करना, फिर चाहे बहन छोटी हो या बड़ी।

एक भाई पिता की तरह और एक बहन माँ की तरह ख्याल रखती है शायद ये भावनाएं पैदा होते ही आ जाती है कि अगर लड़का है तो बहन की रक्षा करेगा और अगर लड़की है तो भाई का ख्याल रखेगी, तभी तो ये रिश्ता इतना मजबूत होता है

ये धागा तो सिर्फ एक धागा है परंतु इसमे जब भावनायें, प्यार, ख्याल जैसी अनमोल चीजे मिलती हैं तब ये सिर्फ एक धागा नहीं होता है तब ये एक मजबूत डोर बन जाती है जो एक बार बांध गई तो कभी नहीं खुलती.

जब ये रिश्ता जन्म से ही होता है तो फिर मानने की क्या जरूरत! 

जब भाई बहन की हमें रक्षा करता ही है तो फिर याद दिलाने की क्या जरूरत!

 बात यहां सिर्फ त्योहर मनाना या याद दिलाना नहीं है, यहां त्योहर मनाने का कारण बस यही होता है कि सारा परिवार एक साथ हो।

और इस तरह से मनाने से रिश्ते के महत्व को बढ़ाया जाता है और मजबूत किया जाता है।

रक्षाबंधन का महत्व बढ़ जाता है कि इस दिन भाई-बहन के प्यार और सम्मान की मित्रता को मनाया जाता है, और यह उनके आपसी रिश्तों को मजबूती से बांधता है।

इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगती है आरती उतारती है और राखी बंधती है और साथ में कुछ मीठा खिलाती है

इसके बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उनकी खुशियों की क़ायामत के लिए प्रतिबद्ध रहता है। यह त्योहार बंधन के परिप्रेक्ष्य में एक परिवार में प्यार और समर्पण की भावना को प्रकट करने का एक मौका प्रदान करता है।

रक्षाबंधन का यह पर्व पारिवारिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यह बंधन भाइयों और बहनों के बीच की अटूट और प्यार भरी रिश्तों को स्थायी बनाए रखने का एक उपाय होता है

रक्षाबंधन का मनाया जाने का प्रमुख कारण है भाई-बहन के आपसी प्यार और सुरक्षा की भावना को मजबूत करना। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं भी हैं, जिनमें इसके महत्व को स्पष्ट किया गया है।

रक्षाबंधन का त्यौहार क्या है रक्षाबंधन कब से और क्यों मनाया जाता है कहानी
रक्षाबंधन का त्यौहार क्या है रक्षाबंधन कब से और क्यों मनाया जाता है कहानी 

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है कहानी

सबसे प्रसिद्ध कथा में कहानी है कथा के अनुसार, अपनी बुआ के पुत्र शिशुपाल के 100 अपराध पूरे होने के बाद जब श्री कृष्ण उसे मारने के लिए शिशुपाल के साथ युद्ध कर रहे थे तो उस दौरान श्री कृष्ण की तर्जनी उंगली कट जाने के कारण उससे खून बहने लगा। तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी के पल्लू का टुकड़ा फाड़कर भगवान कृष्ण के हाथ पर बांध दिया था। उस समय ही श्री कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया। 

रक्षाबंधन कब से मनाया जाता है

इसके बाद श्री कृष्ण ने अपने इसी वचन के तहत राजा धृतराष्ट्र के दरबार में द्रौपदी के चीरहरण के समय उसके सम्मान की रक्षा की थी। इस कारण विष्णु और द्रौपदी के बीच में एक खास संबंध बन गया| मान्यता है कि तब से यह त्योहार मनाया जा रहा है। 

इसी तरह की कई और कथाएं हैं, जो रक्षाबंधन के महत्व को स्पष्ट करती हैं, और यह एक आपसी प्यार और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

ऐसा जरूरी नहीं है कि रक्षा करने के लिए भाई हमेशा बहन के साथ ही रहता है। भाई का साथ रहना जरूरी नहीं है भाई का होना ही काफी है। क्यूकी अगर भाई है तो कभी बहन को परेशानी नहीं होती है फिर चाहे दूर हो या पास आपको सिर्फ जरूरत होती है एक आवाज़ लगाने की या फिर अपनी परेशानी बताने की। अपनी बात भाई को बताने के बाद बहन को भरोसा होता है कि अब उसकी परेशानी ख़तम हो ही जाएगी. सिर्फ एक यही विश्वास ही होता है जो भाई बहन के रिश्ते को जोड़ता है।

भाई बहन का रिश्ता होता है एक अहसास का जो जताया नहीं जाता है सिर्फ महसूस किया जाता है

पिता के बाद एक भाई ही ऐसा पुरुष होता है जिस पर बहन सबसे ज्यादा विश्वास करता है। यही विश्वास प्यार सम्मान का त्योहार है रक्षाबंधन।

© सुरभि हरदहा 

[कुकिंग में इंटरेस्ट है तो हमारा YouTube चैनल जरूर चेक करें:- Kaveers Kitchen]

जरूर देखें:- रक्षाबंधन वॉलपेपर 

जरूर पढ़े:- राखी बांधने का सही तरीका?

जरूर पढ़े:- क्या रक्षाबंधन के बाद भी राखी बांध सकते हैं?

जरूर पढ़े:- रक्षाबंधन में बहन को क्या गिफ्ट दें?



Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)