बच्चे को मोबाइल देखने से कैसे रोकें | Baccho ko Mobile Dekhne se kaise roken
छोटे बच्चों का मोबाइल देखने से नुकसान | Baccho ko Mobile dekhne se nuksan
- सबसे पहला असर बच्चों की आंखों की रोशनी पर पड़ रहा है।
- स्क्रीन को नजदीक और एकटक देखने से आंखें ड्राई होने लगती हैं।
- यही हालात रहने पर आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
- छोटे बच्चों में स्पीच डिसऑर्डर या देर से बोलने की समस्या आती है।
- आंकड़ों के मुताबिक 12 से 18 महीने की उम्र के बच्चों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल की बढ़ोतरी देखी गई है। ये स्क्रीन को आंखों के करीब ले जाते हैं और जिससे आंखों को नुकसान पहुंचता है।
- आंखें सीधे प्रभावित होने से बच्चों को जल्दी चश्मा लगने, आंखों में जलन और सूखापन, थकान जैसी दिक्कतेे हो रही हैं।
- स्मार्टफोन चलाने के दौरान पलकें कम झपकाते हैं। इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम कहते हैं। माता-पिता ध्यान दें कि स्क्रीन का सामना आधा घंटे से अधिक न हो।
- कम उम्र में स्मार्टफोन की लत की वजह बच्चे सामाजिक तौर पर विकसित नहीं हो पाते हैं। बाहर खेलने न जाने की वजह से उनके व्यक्तित्व का विकास नहीं हो पाता।
- मनोविशेषज्ञों के पास ऐसे केस भी आते हैं कि बच्चे पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर की तरह ही हरकतें करने लगते हैं। इस कारण उनके दिमागी विकास में बाधा पहुंचती है। बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल अधिकतर गेम्स खेलने के लिए करते हैं। वे भावनात्मक रूप से कमज़ोर होते जाते हैं ऐसे में हिंसक गेम्स बच्चों में आक्रामकता को बढ़ावा देते हैं।
- बच्चे अक्सर फोन में गेम खेलते या कार्टून देखते हुए खाना खाते हैं। इसलिए वे जरूरत से अधिक या कम भोजन करते हैं। अधिक समय तक ऐसा करने से उनमें मोटापे की आशंका बढ़ जाती है।
- फोन के अधिक इस्तेमाल से वे बाहरी दुनिया से संपर्क करने में कतराते हैं। जब उनकी यह आदत बदलने की कोशिश की जाती है तो वो चिड़चिड़े, आक्रामक और कुंठाग्रस्त हो जाते हैं।
- माता-पिता एक राय रखें। यदि मोबाइल या किसी और चीज़ के लिए मां ने मना किया है तो पिता भी मना करें। वरना बच्चे यह जान जाते हैं कि किससे परमिशन मिल सकती है।
- विशेषज्ञों की सलाह है कि दो साल की उम्र से पहले शिशु को स्क्रीन टाइम यानि कि मोबाइल फोन या टीवी आदि बिल्कुल भी नहीं दिखाना चाहिए। मगर आजकल की दुनिया में मोबाइल फोन, टीवी, टैबलेट या लैपटॉप हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं और शिशुओं को इनसे पूरी तरह दूर रखना मुश्किल है। चलिए देखते हैं कि कैसे हम कुछ तरीकों को अपनाकर कुछ हद तक बच्चों को मोबाइल से दूर रख सकते हैं।
बच्चे किस उम्र में कितना मोबाइल प्रयोग करें
3 साल से पहले : कोई स्क्रीन टाइम नहीं
6 साल से पहले : इंटरनेट का प्रयोग नहीं
9 साल से पहले : विडियो गेम नहीं
12 साल से पहले : सोशल मीडिया का कोई प्रयोग नहीं
बच्चे मोबाइल का उपयोग कैसे करें
विशेषज्ञों के अनुसार 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए दिन में दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं होना चाहिए। हर 20 मिनट पर 20 सेकंड का ब्रेक लेना चाहिए और 20 मीटर दूर तक देखना चाहिए। इससे आंखों को रिलैक्स मिलता है और मसल्स पर जोर भी नहीं पड़ता। कमरे की लाइट बेहतर होना चाहिए। जहां पर बैठे हैं उसके पीछे से रोशनी आनी चाहिए न कि सामने से। पढ़ने के लिए टेबल और चेयर का इस्तेमाल करें, सोफा या पलंग पर बैठकर न पढ़े। पॉश्चर सही रहना चाहिए। बड़ी स्क्रीन बेहतर है क्योंकि इससे व्यक्ति की दूरी कम से कम 5 फीट से ज्यादा हो जाती है।
बच्चों को मोबाइल देखने से कैसे रोकें | Baccho ko Mobile Dekhne se kaise roken
आज का समय मोबाइल का है घर के छोटे छोटे कामों से लेकर बिजनेस के बड़े काम भी आज मोबाइल से किए जा रहें। यहां तक कि आज के समय में बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन मोबाइल इंटरनेट से हो रही है। ऐसे समय में बच्चों को मोबाइल से दूर रख पाना बहुत ही मुश्किल है। लेकिन कुछ उपाय अपनाने के बाद हम अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रख सकते हैं।
बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के तरीके:-
1. आप स्वयं खुद मोबाइल का उपयोग कम करें
जब तक आप स्वयं खुद मोबाइल का उपयोग कम नहीं करेंगे बच्चे आपको देखकर सीखेंगे आपकी नकल करेंगे और वे भी मोबाइल चलाने की कोशिश करेंगे। इसी लिए सबसे पहले आप स्वयं मोबाइल का उपयोग कम करें।
2. मोबाइल यूज करने टाइम टेबल बनाएं
बच्चों को घर में कितने समय मोबाइल का उपयोग करना है और कितने समय नहीं करना इसकी एक निश्चित समय सारणी बनाएं और बच्चे को बताएं कि मोबाइल यूज़ करने का उसका टाइम क्या होगा। और वह कितनी देर तक मोबाइल यूज कर सकता है।
3. मोबाइल में ज्यादा गेम डाउलोड ना करें
बच्चे मोबाइल गेम की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं इसीलिए कोशिश करें अपने मोबाइल में ज्यादा गेम डाउनलोड ना करके रखें। ऐसी एप्लीकेशंस को डाउनलोड करें जिनका उपयोग बच्चे पढ़ाई में कर सकें।
4. बच्चो के साथ समय बिताए
घर में बच्चों के साथ समय बिताएं उन्हें ज्यादा देर तक अकेला ना रहने दें अकेला रहने के कारण ही बच्चे मोबाइल की ओर आकर्षित होते हैं और धीरे-धीरे उन्हें मोबाइल की लत लग जाती है।
5. बच्चो को बाहर घुमाने ले जाएं
बच्चे को हफ्ते में एक से दो बार बाहर घुमाने ले जाएं जिससे बच्चा यह सीख सके कि परिवार के साथ समय बिताना मोबाइल गेम्स खेलने से ज्यादा जरूरी है।
6. बच्चो के लिए ज्यादा मेहगे मोबाइल ना खरीदें
यह आपके ऊपर है कि आप अपने बच्चे को कितनी कीमत का मोबाइल खरीद कर देते हैं लेकिन यदि आप अपने बच्चे को मोबाइल की लत से बचाना चाहते हैं तो बच्चों को ज्यादा महंगे मोबाइल खरीद कर ना दें।
7. बच्चो को ज्यादा सिर में ना चढ़ाएं
अपने बच्चों को ज्यादा सिर पर चढ़ा कर ना रखें आप उन्हें जितनी ज्यादा छूट देंगे बच्चे उतनी ही ज्यादा मनमानी करेंगे इसीलिए अपने बच्चे को थोड़ा डांट कर रखें जिससे वह आपसे थोड़ा बहुत डरे।
8. मोबाइल से होने वाले नुकसानों के बारे में बच्चो से बात करें
यदि आपके बच्चे बड़े हो रहे हैं और समझदार हैं तो मोबाइल से होने वाले नुकसानओं के बारे में बच्चों से बात करें कि कैसे ज्यादा देर तक मोबाइल का उपयोग उनकी आंखों दिमाग और शरीर सभी पर असर डालता है।
इन तरीकों को भी आजमाएं
1: घर में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के प्रयोग के लिए एक टाइम फिक्स करें।
2: इस पर बच्चों के साथ-साथ पैरंट्स को भी अमल करना चाहिए।
3: बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें।
4: मोबाइल, टैबलेट या टीवी का प्रयोग किसी भी सूरत में देर रात तक बेडरूम में न करें।
5: बच्चों के मोबाइल फोन रात होने पर अपने कमरे में ही रखें।
ऐसा नहीं है कि मोबाइल का उपयोग करना एकदम ही ज्यादा खराब है और मोबाइल से सिर्फ नुकसान ही है मोबाइल से हम बहुत सी अच्छी बातें सीख सकते हैं लेकिन ज्यादा मोबाइल का उपयोग हमारे शरीर के लिए और बच्चों के शरीर के लिए नुकसानदायक है इसीलिए एक सीमा में रहकर ही मोबाइल का उपयोग बच्चों को करने दें।