महाशिवरात्रि व्रत की आरती
महाशिवरात्रि की पावन मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान शिव शंकर जी की महाशिवरात्रि व्रत की आरती ॐ जय शिव ओंकारा | Mahashivratri aarti om jai shiv omkara धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने वाले लोगों को भगवान शिव शंकर की ओम जय शिव ओमकारा आरती जरूर करनी चाहिए। और जो भी व्रत नहीं भी रखते हैं उन्हें भी सुबह या शाम के समय भगवान शिव शंकर की आरती जरूर करनी चाहिए। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का ध्यान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। भगवान शिव शंकर की आरती करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं और उन्हें सभी प्रकार के रोग, दोष और कष्टों से दूर रखते हैं।
महाशिवरात्रि व्रत की आरती ॐ जय शिव ओंकारा |
ॐ जय शिव ओंकारा आरती
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
*****
आपको भगवान शिव शंकर की महाशिवरात्रि व्रत की आरती ॐ जय शिव ओंकारा | Mahashivratri aarti om jai shiv omkara कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताइएगा ताकि हम आगे भी आपके लिए इसी तरह से भगवान शिव शंकर की आरती का संग्रह लेकर आते रहे।
जरूर देखें: 👇👇