नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती | Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti Images Photos wallpaper
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं उनके कुछ महान विचार उनकी फोटो के साथ इन फोटोस को आप डाउनलोड करके अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भेज सकती हैं या व्हाट्सएप इंस्टाग्राम फेसबुक पर अपनी स्टोरी के रूप में लगा सकते हैं इन इमेज ओं में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया गया है नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमारे देश के काफी लोकप्रिय नेता थे और हमेशा रहेंगे।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती | Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti Images
हर साल 23 जनवरी को सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के रूप में मनाया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। आइए जानते हैं उनके महान विचारों के बारें में।
Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti – आज़ादी की लड़ाई के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले महान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को देशभक्तों का देशभक्त कहा जाता था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन। महान स्वतंत्रता सेनानी व आज़ाद हिन्द फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर नमन।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के विचार
जो अपनी ताकत पर भरोसा रखते हैं, वहीं हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं।
(सुभाष चन्द्र बोस)
तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा....! जय हिन्द।
Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti Images |
एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की ज़रुरत होती है।
(सुभाष चन्द्र बोस)
Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti Images |
Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti Images |
जो अपनी ताकत पर भरोसा करते हैं, वो आगे बढ़ते हैं और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं।
(सुभाष चन्द्र बोस)
Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti Images |
अच्छे चरित्र का निर्माण करना ही छात्रों का मुख्य कर्तव्य होना चाहिए।
(सुभाष चन्द्र बोस)
Subhash Chandra Bose Jayanti par bhashan
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस उनके परिवार में 9 वें नंबर के बच्चे थे।
- नेताजी उनके बचपन के दिनों से ही एक विलक्षण छात्र थे, और राष्ट्रप्रेमी भी।
- नेताजी ने आजादी की जंग में शामिल होने के लिए भारतीय सिविल सेवा की आरामदेह नौकरी ठुकरा दी। भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में उनकी रैंक 4 थी।
- जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उन्हें इस कदर विचलित कर दिया कि, वे भारत की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।
- नेताजी के कॉलेज के दिनों में एक अंग्रेजी शिक्षक के भारतीयों को लेकर आपत्तिजनक बयान पर उन्होंने खासा विरोध किया, जिसकी वजह से उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था।
- 1921 से 1941 के बीच नेताजी को भारत के अलग-अलग जेलों में 11 बार कैद में रखा गया।
- 1941 में उन्हें एक घर में नजरबंद करके रखा गया था, जहां से वे भाग निकले। नेताजी कार से कोलकाता से गोमो के लिए निकल पड़े। वहां से वे ट्रेन से पेशावर के लिए चल पड़े। यहां से वह काबुल पहुंचे और फिर काबुल से जर्मनी रवाना हुए जहां उनकी मुलाकात अडॉल्फ हिटलर से हुई।
1943 में बर्लिन में रहते हुए नेताजी ने आजाद हिंद रेडियो और फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की थी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी की कई बातों और विचारों से इत्तेफाक नहीं रखते थे, और इस पर उनका मानना था कि हिंसक प्रयास के बिना भारत को आजादी नहीं मिलेगी।
नेताजी का ऐसा मानना था कि अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए सशक्त क्रांति की आवश्यकता है, तो वहीं गांधी अहिंसक आंदोलन में विश्वास करते हैं।