राखी बांधने का सही तरीका | Raksha Bandhan me Rakhi bandhne ka sahi tarika
आज हम जानेंगे कि रक्षाबंधन के दिन हमें अपने भाई को किस तरह से सही तरीके से राखी बांधनी चाहिए और राखी बांधते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आज हम इस पोस्ट में जानेंगे रक्षाबंधन में राखी बांधने का सही तरीका के बारे में।
Raksha Bandhan mein rakhi bandhne ka sahi tarika
जैसा कि हम सभी जानते हैं अभी आने वाले कुछ दिनों के बाद रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है। रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। रक्षाबंधन में हर एक बहन अपने छोटे या बड़े भाई को प्यार से राखी बांधी है और अपने भाई को आशीर्वाद देकर भाई से वचन लेती है कि भाई जीवन भर उसकी रक्षा करेगा और भाई अपनी बहन से वादा करता है कि चाहे हालात कैसे भी हो किसी भी परिस्थिति में वह अपनी बहन की मदद, सहायता और रक्षा जरूर करेगा। और बहन के द्वारा भाई को बांधी गई राखी एक रक्षा सूत्र का काम करती है जो भाई को बुरी ताकतों और बुरी शक्तियों से बचाती है।रक्षाबंधन में राखी बांधने का सही तरीका
अब हम जानेंगे कि रक्षाबंधन के दिन हमें किस तरह से अपने भाई को राखी बांधनी चाहिए। हम इस पूरी विधि को स्टेप बाय स्टेप समझेंगे जिससे आप को समझने और अपने भाई को राखी बांधने में आसानी हो.
रक्षाबंधन में राखी बांधने की विधि
1.सबसे पहले रक्षाबंधन के दिन सुबह से भाई और बहन दोनों स्नान करके तैयार हो जाएं।
2. स्नान कर लेने के बाद सबसे पहले अपने माता पिता और अपने इष्ट देव को प्रणाम करें और उनसे आशीर्वाद लें।
3. राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
4. राखी बांधने से पहले अपने भाई को रोली और चावल के दाने यानी अक्षत का टीका लगाएं।
5. पूजा की थाली सजा लें और पूजा की थाली में एक घी का दीपक जलाएं और अपने भाई की आरती उतारे।
6. आरती उतारने के बाद भाई को कुछ मीठा, मिठाई या लड्डू खिलाएं।
7. इसके बाद सबसे आखिर में अपने भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर प्यार से राखी बांधे।
8. राखी बांधते समय एक बात का अवश्य ध्यान रखें राखी बांध से समय राखी बहुत ज्यादा टाइट या बहुत ज्यादा ढीली ना हो। राखी इतनी ही टाइट बांधे जिससे आपके भाई को राखी बंधवाने के बाद कष्ट ना हो।
राखी बांधते समय इस मंत्र का जाप करें
मंत्र है -
न बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
इस मंत्र का अर्थ-
जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।
ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार है। आप चाहे तो किसी भी परिस्थिति या किसी भी हाल में अपने भाई को राखी बांध सकते हैं। ये आप की मर्जी के ऊपर निर्भर करता है यह आर्टिकल सामान्य सूचनाओं पर आधारित है यह वेबसाइट इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करती।
उम्मीद है आप इसे पढ़ने की बात समझ गए होंगे कि रक्षाबंधन में राखी बांधने का सही तरीका क्या है।
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