रक्षाबंधन के बाद भी राखी बांध सकते हैं | Raksha Bandhan ke bad Rakhi bandh sakte hai
Can I tie Rakhi even after Rakshabandhan
आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि क्या हम रक्षाबंधन के दूसरे दिन या रक्षाबंधन के कुछ दिन बाद अपने भाई को राखी बांध सकते हैं या नहीं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं अभी आने वाले कुछ दिनों के बाद रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है। रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है होली और दीपावली के बाद रक्षाबंधन को हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। रक्षाबंधन में हर एक बहन अपने छोटे या बड़े भाई को प्यार से राखी बांधी है और अपने भाई को आशीर्वाद देकर भाई से वचन लेती है कि भाई जीवन भर उसकी रक्षा करेगा और भाई अपनी बहन से वादा करता है कि चाहे हालात कैसे भी हो किसी भी परिस्थिति में वह अपनी बहन की मदद, सहायता और रक्षा जरूर करेगा। और बहन के द्वारा भाई को बांधी गई राखी एक रक्षा सूत्र का काम करती है जो भाई को बुरी ताकतों और बुरी शक्तियों से बचाती है।
क्या रक्षाबंधन के बाद भी राखी बांध सकते हैं |
क्या रक्षाबंधन के बाद भी राखी बांध सकते हैं
कई लोगों के मन में यह प्रश्न बार-बार उठता है कि क्या रक्षाबंधन के बाद भी राखी बांधी जा सकती है या नहीं? बहुत से ऐसे भाई और बहन हैं जो किसी कारणवश या किसी मजबूरी के कारण रक्षाबंधन के दिन एक दूसरे से नहीं मिल पाते और बहने अपने भाई को राखी नहीं बांधी पाती। ऐसे में ये माना जाता है कि रक्षाबंधन के बाद भी जब कभी मौका मिले तब हम अपने भाई को राखी बांध सकते हैं। ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है। अपने भाई को राखी बांधना भाई के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करना होता है इसीलिए आप चाहे तो रक्षाबंधन के दूसरे दिन या रक्षाबंधन के कुछ दिनों बाद भी अपने भाई को राखी बांध सकते हैं ऐसा करने से कोई समस्या नहीं होगी। कोशिश करें अपने भाई को रक्षाबंधन के दिन ही राखी बांधने की लेकिन यदि आप रक्षाबंधन के दिन राखी नहीं बांध पाते हैं तो किसी अच्छे शुभ दिन को चुनकर आप उस दिन अपने भाई को राखी बांध सकते हैं।
अब हम जानेंगे कि रक्षाबंधन के दिन हमें किस तरह से अपने भाई को राखी बांधनी चाहिए। हम इस पूरी विधि को स्टेप बाय स्टेप समझेंगे जिससे आप को समझने और अपने भाई को राखी बांधने में आसानी हो।
रक्षाबंधन में राखी बांधने की विधि
1.सबसे पहले रक्षाबंधन के दिन या किसी अन्य दिन सुबह से भाई और बहन दोनों स्नान करके तैयार हो जाएं।
2. स्नान कर लेने के बाद सबसे पहले अपने माता पिता और अपने इष्ट देव को प्रणाम करें और उनसे आशीर्वाद लें।
3. राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर और बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
4. राखी बांधने से पहले अपने भाई को रोली और चावल के दाने यानी अक्षत का टीका लगाएं।
5. पूजा की थाली सजा लें और पूजा की थाली में एक घी का दीपक जलाएं और अपने भाई की आरती उतारे।
6. आरती उतारने के बाद भाई को कुछ मीठा, मिठाई या लड्डू खिलाएं।
7. इसके बाद सबसे आखिर में अपने भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर प्यार से राखी बांधे।
8. राखी बांधते समय एक बात का अवश्य ध्यान रखें राखी बांध से समय राखी बहुत ज्यादा टाइट या बहुत ज्यादा ढीली ना हो। राखी इतनी ही टाइट बांधे जिससे आपके भाई को राखी बंधवाने के बाद कष्ट ना हो।
9. कुछ लोगों का मानना है कि राखी बांधते समय राखी में 3 गठाने लगानी चाहिए तीन गठान को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है।
राखी बांधते समय इस मंत्र का जाप करें -
राखी मंत्र-
न बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:,
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
मंत्र का अर्थ-
जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे (राखी), तुम अडिग रहना। अपने रक्षा के संकल्प से कभी भी विचलित मत होना।
ये आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार है। आप चाहे तो किसी भी परिस्थिति या किसी भी हाल में अपने भाई को राखी बांध सकते हैं। ये आप की मर्जी के ऊपर निर्भर करता है। ये आर्टिकल सामान्य सूचनाओं पर आधारित है ये वेबसाइट इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करती।
उम्मीद है आप इसे पढ़ने की बात समझ गए होंगे कि रक्षाबंधन में राखी बांधने का सही तरीका क्या है। और आप चाहे तो रक्षाबंधन के बाद भी अपने भाई को राखी बांध सकते हैं इसमें कोई बुराई नहीं है।
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