हरतालिका तीज की पूजा विधि | Hartalika teej ki puja vidhi in hindi

0

Hartalika teej ki puja vidhi in hindi

हिंदू धार्मिक कथा कहानियों और पुराणों में हरितालिका तीज का महत्वपूर्ण स्थान है। हरितालिका तीज का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए वरदान की तरह होता है इस व्रत के दौरान महिलाएं दिनभर निराहार उपवास रखती हैं और शाम के समय माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत की शुरुआत मां देवी पार्वती ने की थी । इस व्रत को बहुत कठिन व्रत माना जाता है इस व्रत को रखने के लिए महिलाओं को दिनभर अन्न और जल का त्याग करना पड़ता है हरितालिका तीज की पूजा की कुछ विधियां हैं जिन्हें हम आगे बताने जा रहे हैं आप चाहें तो इन्हें नोट कर सकते हैं।

हरतालिका तीज की पूजा विधि  Hartalika teej ki puja vidhi in hindi
Hartalika teej ki puja vidhi in hindi

हरितालिका तीज पूजन सामग्री

हरितालिका तीज की पूजा करने से पहले आपको कुछ सामग्रियों को एकत्र करना होता है इसमें नारियल, कलश, बेल पत्र, केले का पत्ता, घी, शहद, धतूरे का फल, गुलाल, मंजरी, चंदन, इत्र, 5 तरह के फल, सुपारी, अक्षत, दीप, कपूर और धूप अगरबत्ती, स्वच्छ जल, दूब या दूर्वा, जनेऊ, सुहाग की चीज़े और हल्दी इन सभी को एकत्र करने के बाद आप हरितालिका तीज व्रत की पूजा शुरू कर सकते हैं।

हरितालिका तीज पूजन विधि

  1. हरितालिका तीज के दिन सुबह से स्नान करके तैयार हो जाएं।
  2. इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की ताजी मिट्टी से प्रतिमा बनाएं।
  3. दिनभर निराहार रहकर उपवास रखें।
  4. शाम के समय पूजा करने के लिए पूजन सामग्री के साथ तैयार हो जाएं।
  5. सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें आप चाहे तो गंगाजल या किसी और नदी के पवित्र जल का छिड़काव दूर्वा से कर सकते हैं।
  6. पूजा स्थल को फूलों से सजा कर एक चौकी बनाएं।
  7. इस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शिव पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  8. इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करना शुरू करें। सबसे पहले अपने आप को जल छिड़ककर शुद्ध करें, इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमाओं को तिलक बंदन करें, सुहाग संबंधित सभी प्रकार की चीजें चौकी पर चढ़ाएं, इसके बाद फल और नारियल चढ़ाएं।
  9. धूप दीप जलाएं और पूजा करें, भगवान शिव पार्वती का स्मरण करें।
  10. रात्रि जागरण करें और सुबह के समय आरती करें। रात्रि जागरण करने के लिए आप भगवान शिव से संबंधित कथा या कहानी सुन सकते हैं।
  11. सुबह के समय आरती करने के बाद मिठाईयों का भोग लगाकर अपना व्रत खोलें और चढ़ाए गए फलों को काटकर प्रसाद का वितरण करें।

इस तरह से विधि-विधान करने के बाद आपकी पूजा पूरी तरह से संपन्न होती है।

नोट:- इस पोस्ट में लिखी गई जानकारियों को विभिन्न माध्यमों जैसे की पंचांग प्रवचन और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संकलित करके आप तक पहुंचाया गया है हमारा उद्देश्य सिर्फ आप तक सूचना पहुंचाना है vhoriginal.com इसकी विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं लेता।

Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)