Ganesh ji ko Durva kyu pasand hai
गणेश जी की पूजा करते समय दूर्वा या दूब घास का बहुत महत्व है। यदि आप गणेश जी की पूजा करते हैं या गणेश जी का उपवास रखते हैं तो आपको गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करने के बाद गणेश जी के मंदिर में जाकर, गणेश जी की मूर्ति के सामने या गणेश जी की किसी फोटो के सामने 5, 11 या फिर 21 दूर्वा की गांठ अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से गणेश जी बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गणेश जी को बुद्धि का दाता कहा जाता है गणेश जी अपने भक्तों से प्रसन्न होकर अपने भक्तों को बुद्धि प्रदान करते हैं जिससे उनका जीवन सफल बन सके और वे आगे चलकर अपने जीवन में तरक्की कर सकें।
Ganesh ji ko Durva kyu pasand hai |
गणेश जी को दूर्वा क्यों पसंद है
गणेश जी को दूर्वा इसीलिए पसंद है क्योंकि पुराणों में गणेश जी की एक कथा प्रचलित है इस कथा के अनुसार पुराने समय में अनलासुर नाम का एक राक्षस हुआ करता था इस राक्षस के आतंक से सभी देवता परेशान थे और सभी देवता और ऋषि मुनि मिलकर भी अनलासुर के आतंक को समाप्त नहीं कर पा रहे थे। पुराणों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस स्थिति को देखते हुए गणेश जी ने अनलासुर नामक राक्षस को जिंदा ही निकल लिया था। जिसके बाद गणेश जी के पेट में बहुत ज्यादा जलन और पीड़ा होने लगी थी। इसके बाद ऋषि-मुनियों ने गणेश जी को दूर्वा खाने की सलाह दी, दूर्वा खाते ही गणेश जी के पेट की जलन शांत हो गई और इसी के बाद से गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
Ganesh Ji ko Durva chadane ke Fayade | गणेश जी को दूर्वा चढ़ने के फायदे
गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से भक्तों को बहुत से फायदे होते हैं सर्वप्रथम तो बुद्धि के दाता श्री गणेश भक्तों को बुद्धि और बल प्रदान करते हैं जिससे उनका जीवन सफल बन सके और उनके भक्त अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से सभी प्रकार के पाप दूर होते हैं। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से मन को शांति मिलती है ऐसा माना जाता है कि दूर्वा की घास बहुत ही पवित्र होती है जिसको छूने मात्र से ही भक्तों के सारे पाप धुल जाते हैं। इसीलिए गणेश जी के भक्त गणेश चतुर्थी के दिन या गणेश जी की पूजा करते समय दूर्वा की घास गणेश जी को अर्पित करते हैं।
गणेश जी को दूर्वा अर्पित करते समय नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करना चाहिए:
जब आप गणेश जी की पूजा कर रहे हो तब आपको गणेश जी को दूर्वा अर्पित करनी चाहिए और नीचे बताए गए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ॐ गणाधिपाय नमः
ॐ उमापुत्राय नमः
ॐ विघ्ननाशनाय नमः
ॐ विनायकाय नमः
ॐ ईशपुत्राय नमः
ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ॐ एकदंताय नमः
ॐ इभवक्त्राय नमः
ॐ मूषकवाहनाय नमः
ॐ कुमारगुरवे नमः
गणेश जी दूर्वा का महत्व
दूर्वा या दूब के घास को कई नामों से जाना जाता है इसे अमृता, अनंता, महा औषधि आदि भी कहा जाता है। हिंदू ग्रंथों में ऐसा कोई शुभ कार्य नहीं जिसमें हल्दी और दूर्वा की जरूरत ना पड़ती हो। घर में की जाने वाली कथा और पुराणों से लेकर शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्यों में दूर्वा का जल छिड़का जाता है। ऐसा माना जाता है कि दूर्वा से जल का छिड़काव करने से सभी चीजें पवित्र हो जाती हैं इंसान चाहे तो स्वयं खुद पर भी दूर्वा से जल का छिड़काव कर सकता है। आपने देखा होगा बड़े-बड़े पुजारी भगवान की पूजा करने से पहले अपने आप को शुद्ध करने के लिए दूर्वा का इस्तेमाल करते हैं।
आशा है आप ऊपर बताई गई कहानी को पढ़कर जान गए होंगे की गणेश जी को दूर्वा क्यों पसंद है।
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नोट:- इस पोस्ट में लिखी गई जानकारियों को विभिन्न माध्यमों जैसे की पंचांग, प्रवचन और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संकलित करके आप तक पहुंचाया गया है। हमारा उद्देश्य सिर्फ आप तक सूचना पहुंचाना है। vhoriginal.com इसकी विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं लेता।