खाना खाने के बाद पूजा करना चाहिए या नहीं | Prayer after and before eating food in Hindi

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खाना खाने के बाद पूजा करनी चाहिए या नहीं

आज हम जानेंगे कि हमें खाना खाने के बाद भगवान की पूजा करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए।

खाना खाने के बाद पूजा करना चाहिए या नहीं  Prayer after and before eating food in Hindi

क्या खाना खाने के बाद भगवान की पूजा करनी चाहिए- हिंदू धर्म में शुरुआत से ही उपवास और पूजा पाठ का बहुत महत्व रहा है लोग अपने इष्ट देवता की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार उपवास में कुछ चीजें खाने के लिए वर्जित रहती हैं। इन चीजों का सेवन उपवास के दौरान नहीं किया जा सकता। लेकिन हर एक व्यक्ति उपवास नहीं रहता कुछ लोग प्रतिदिन भगवान की सिर्फ पूजा करते हैं और उपवास नहीं रखते। ऐसे मैं लोगों के बीच में इस बात को लेकर काफी मतभेद रहा है कि हमें भगवान की पूजा खाना खाने के बाद करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए।

खाना खाने के बाद पूजा करना चाहिए या नहीं  Prayer after and before eating food in Hindi

Khana khane ke baaad pooja karni chahiye ya nahi

कुछ लोगों का मानना है कि पूजा करने के नियम होते हैं और हमें पूजा करते समय इन नियमों का पालन करना चाहिए। पूजा में स्वच्छता और एकाग्रता का बहुत महत्व होता है। ऐसे लोगों का मानना होता है कि भोजन करने के बाद शरीर में आलस आता है जिससे एकाग्रता भंग होती है और हम पूरे मन से भगवान की पूजा नहीं कर पाते। इसीलिए ऐसे लोग ये मानते हैं कि भगवान की पूजा खाना खाने के बाद नहीं करनी चाहिए।

खाना खाने के बाद पूजा करना चाहिए या नहीं  Prayer after and before eating food in Hindi

वही कुछ लोगों का मानना है कि खाना खाने के बाद भी भगवान की पूजा की जा सकती है क्योंकि बहुत पहले एक कहावत कही गई थी की "भूखे भजन न होय गोपाला, पकड़ तेरी काठी पकड़ तेरी माला" भगवान कहते हैं कि मैं किसी भी तरह के ढोंग या दिखावे का भूखा नहीं हूं। मेरी पूजा में किसी भी तरह का दिखावा नहीं होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति यदि किसी भी परिस्थिति में मेरा सच्चे मन से नाम लेता है, या मेरी पूजा करता है, तो मैं अपने आप खुश हो जाऊंगा। पूजा करने का मतलब ये नहीं कि पाखंडीओ की तरह हाथ में घंटा और माला लेकर घंटों तक भगवान के सामने बैठे रहे और मन में बुरे विचार पनपते रहें। ऐसी पूजा सिर्फ दिखावे की पूजा होती है इस तरह की पूजा करने से कोई मतलब नहीं निकलता। आप किसी भी परिस्थिति में हो चाहे आपने भोजन कर लिया हो या ना किया हो यदि आप सच्चे मन से भगवान की पूजा करते हैं तो "आप खाना खाने के बाद भी भगवान की पूजा कर सकते हैं"

भगवान की पूजा कब करनी चाहिए

भगवान की पूजा करने का कोई भी निश्चित समय नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि यदि भगवान की पूजा सुबह के समय की जाए तो भगवान खुश होते हैं।  देखा जाए तो सुबह इंसान का मन शांत होता है सुबह स्नान करने के बाद यदि भगवान की पूजा की जाती है तो इसे बहुत शुभ माना जाता है। और सुबह के समय सच्चे मन से पूजा करने और ध्यान लगाने से दिन भर हमारा मन एकाग्र रहता है और हमारा मन काम में लगा रहता है पूरे दिन शरीर में एनर्जी भी बनी रहती है।

भगवान की पूजा कब नहीं करनी चाहिए

नीचे दिए गए 4 काम करने के बाद भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए। भगवान की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और हमारे घर की सभी परेशानियां दूर करते हैं। लेकिन कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें करने के बाद भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए।

1. नॉन वेज या मांसाहार खाने के बाद भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए। हिंदू धर्म के अनुसार मांसाहार भोजन को पाप माना गया है इसीलिए मांसाहार भोजन करने के बाद कभी भी पूजा में नहीं बैठना चाहिए।

2. ऐसा माना जाता है कि शौच करने के तुरंत बाद भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए। यदि आप शौच करने के बाद स्नान कर लेते हैं तो इसके बाद भगवान की पूजा की जा सकती है।

3. लड़ाई झगड़ा और मारपीट करने के बाद भी भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए। लड़ाई झगड़ा और मारपीट करने से हमारा मन अशांत रहता है हमारे मन में शांति नहीं रहती इसीलिए कभी भी गुस्से वाले मन से भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए।

4. यदि हम कोई ऐसा काम करते हैं जिससे हमारे शरीर में कोई गंदगी लग जाती है या हमारे कपड़े बहुत ज्यादा गंदे हो जाते हैं इस स्थिति में भी पूजा में नहीं बैठना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पूजा में बैठते समय हमेशा स्नान करके और साफ-सुथरे कपड़े पहन कर बैठना चाहिए।

ऊपर बताए गए इन 4 कामों को करने के बाद भगवान की पूजा नहीं की जानी चाहिए। लेकिन यदि आप किसी बुरी परिस्थिति से गुजर रहे हैं तो आप किसी भी समय भगवान का स्मरण कर सकते हैं। भगवान का स्मरण करने में कोई बुराई नहीं है। तो आखिर में ये कहा जा सकता है कि "हम भोजन करने के बाद भगवान की पूजा कर सकते हैं" इसमें कोई बुराई नहीं है और आपके क्या विचार हैं भगवान की पूजा करने के बारे में हमारे साथ कमेंट में जरूर शेयर कीजिएगा।

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नोट- यह लेखक के स्वयं के विचार हैं।

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