नवरात्रि में जवारे कैसे होने चाहिए | Navratri me jaware kaise hone chahiye
क्यों बोते हैं जवारे
1 वर्ष में चार नवरात्रि होती है लेकिन हम ज्यादातर 3 नवरात्रि को ज्यादा महत्व देते हैं चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र और एक होती है गुप्त नवरात्र। नवरात्रि के दिनों में जवारे बोने की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ-साथ जवारे अवश्य होना चाहिए। क्योंकि जवारे के बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है। जवारे मां दुर्गा की चौकी के आसपास ही बोया जाता है। नवरात्र समाप्त होते ही जवारे को बहते पानी में प्रवाहित किया जाता है।
जवारे क्या होते है
जवारे मां दुर्गा की प्रतिमा या कलश के पास में बोई जाती हैं। ज्यादातर जवारे गेहूं के होते हैं इन्हें नवरात्रि के पहले दिन ही बोया जाता है। और 9 दिन तक इनकी देखरेख की जाती है। समय-समय पर पानी डाला जाता है और नवरात्रि के समापन होती ही इन्हें नदी बहते पानी में बहा दिया जाता है।
जवारे का महत्व
नवरात्रि में जवारे का बहुत महत्व होता है जवारे इसलिए बोये जाते हैं क्योंकि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार गेहूं सृष्टि की पहली फसल थी। इसीलिए इन्हें जवारे के रूप में पूजा जाता है और इनकी सेवा की जाती है। एक कारण और है क्योंकि अन्न हम सभी लोग खाते हैं और हमें हमेशा पूजा करते समय अन्न देवता का सम्मान करना चाहिए इसीलिए हम जवारे के रूप इसे बोते हैं और इनकी सेवा करते हैं एक तरह से यह हमारा अन्न देवता को दिया गया सम्मान है।
जवारे कैसे बोते हैं बोने की विधि
जवारे बोते समय जवारे बोने के लिए ज्यादातर मिट्टी के बर्तन या फिर बांस से बनी टोकनी का उपयोग किया जाता है। जवारे को साफ काली मिट्टी में बोया जाता है। जवारे बोने के लिए साफ गेहूं का उपयोग किया जाता है। जवारे के साथ-साथ जवारे में एक दीपक जलाया जाता है और 9 दिन तक दीपक और जवारे दोनों की पूजा की जाती है। नवरात्र में जवारे का बहुत महत्व होता है चाहे शारदीय नवरात्र हो या चैत्र नवरात्र दोनों में जवारे बोये जाते हैं और आखरी में माता रानी की यात्रा निकालते समय भी जवारे को साथ में रखा जाता है और आखिर में इन्हें पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।
जवारे कैसे होने चाहिए
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में जो जवारे हम बो रहे हैं उनका रंग हमेशा हरा होना चाहिए। हरे रंग के जवारे हमारी भक्ति भावना को दर्शाते हैं। यदि जवारे पीले हो रहे हैं तो इसका मतलब ये है कि हम माता रानी की सेवा ठीक से नहीं कर रहे हैं इसीलिए हमेशा जवारे का रंग हरा होना चाहिए। नवरात्रि में पहले दिन जवारे बोने के बाद यदि जवारे 3 दिन में अंकुरित हो जाते हैं तो यह एक अच्छा संकेत माना जाता है।
इसके अलावा जब जवारे का रंग नीचे आधा पीला और ऊपर आधा हरा हो इसका मतलब आने वाला साल का आधा साल कठिन रहेगा। हरे रंग के जवारे शुभ संकेत माने जाते हैं।
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नवरात्रि में जवारे का महत्व और क्यों बोते हैं जवारे
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं)