नवरात्रि की 2 कथा जरूर पढ़ें माँ दुर्गा की कृपा बरसेगी | Navratri ki katha hindi

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नवरात्रि की कथा | Navratri ki katha hindi

आज हम जानेंगे मां दुर्गा की नवरात्रि की कथा के बारे में कि आखिर ऐसा क्या हुआ था नवरात्रि में जो की नवरात्रि मनाई जाती है।

नवरात्रि की कथा  Navratri ki katha hindi

नवरात्रि की कथा-मां दुर्गा के नवरात्रों की कई कथाएं प्रचलित है उन्हीं कथाओं में से कुछ कथाओं के बारे में आज हम जानेंगे।

1. नवरात्रि की महिषासुर कथा

इस कथा के अनुसार महिषासुर राक्षस ने भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे वरदान मांग लिया था। वरदान मांगने के कारण उसके पास कई चमत्कारी शक्तियां आ गई थी। इन चमत्कारी शक्तियों का उपयोग करके महिषासुर नामक राक्षस किसी को भी युद्ध में हरा सकता था। उसके वरदान प्राप्त कर लेने से सभी देवतागण घबरा गए थे। पूरे देवलोक में हाहाकार मच गया था। कोई समझ नहीं पा रहा था कि आखिर कैसे महिषासुर को परास्त किया जाएगा। देवताओं के राजा इंद्र को भी अपना सिहासन खतरे में दिख रहा था। ऐसे में सभी देवतागण इकट्ठे होकर मां दुर्गा से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें महिषासुर के अत्याचारों से बचाए। उनकी प्रार्थना सुनकर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया। तभी से नवरात्रि की पूजा की जा रही है। नवरात्रि के 9 दिनों में माता रानी के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि की कथा  Navratri ki katha hindi

2. नवरात्रि की श्री राम लक्ष्मण कथा

14 वर्ष के वनवास के दौरान जब रावण ने सीता का हरण कर लिया था और भगवान राम सीता की खोज में लक्ष्मण, सुग्रीव और हनुमान के साथ लंका तक पहुंचे थे। तब लंका जीतने से पहले भगवान श्री राम, लक्ष्मण, हनुमान और समस्त वानर सेना ने अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक। 9 दिन तक माता दुर्गा की उपासना की थी तथा दसवें दिन लंका पर आक्रमण कर विजय प्राप्त की थी। इस तरह नवरात्रों में माता दुर्गा की पूजा करने की प्रथा शुरू हुई और प्रतिवर्ष नवरात्रि का उत्सव मनाया जाने लगा।

नवरात्रि का व्रत

नवरात्रि का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है, धन, विद्या और सुख मिलता है। इस व्रत को नियम पूर्वक करने से सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। घर में समृद्धि की वर्षा होती है। जो निःसंतान होते हैं उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। जो व्यक्ति किसी कारणवश नवरात्रि के 9 दिनों तक उपवास नहीं रख सकता। तो वह व्यक्ति नवरात्रि के पहले, आठवें और नौवें दिन उपवास रख सकता है। नवरात्रि का उपवास रखने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति को माता रानी के नवरात्रों में उपवास जरूर रखना चाहिए और उपवास रखते समय सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए।

और भी ऐसी कई कथाएं हैं जो नवरात्रि को लेकर प्रचलित हैं उन्हीं में से दो कथाओं के बारे में अभी हमने जाना है। यदि आप किसी और कथा के बारे में भी जानते हैं तो अब कमेंट में हमें जरूर बताइएगा। ताकि हम उस कथा को आगे आपके लिए लेकर आ सके। "जय माता दी"

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