क्या स्वर्ग नरक होते हैं जानिए पूरा सच | Kya svarg nark hote hain
जब भी हम बात करते हैं स्वर्ग और नरक की तब हम कल्पना करते हैं मृत्यु के बाद जीवन की। लेकिन स्वर्ग नरक के बारे में आज तक कोई भी नहीं बता पाया है इसका कारण यह है कि अपनी मृत्यु के बाद आज तक कोई भी लौट कर नहीं आया है। इसीलिए स्वर्ग नरक को इंसान की एक कल्पना मात्र माना जा सकता है।क्या स्वर्ग नरक होते हैं Kya svarg nark hote hain
ऐसा माना जाता है ईश्वर ने मरने के बाद व्यक्ति के लिए 2 स्थान बनाए हैं स्वर्ग और नरक। जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा काम करते हैं, पुन्य करते हैं, लोगों का भला करते हैं, उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होती है। स्वर्ग को अंग्रेजी में हेवन और उर्दू में जन्नत कहा जाता है। और वही ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति अपने जीवन में बुरे काम करते हैं, लोगों के साथ बुरा करते हैं, जिनके कर्म बुरे होते हैं, उन्हें नर्क प्राप्त होता है और नर्क में उन्हें कई प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं वहीं दूसरी ओर स्वर्ग में व्यक्ति मृत्यु के बाद एक अच्छा जीवन जीता है नरक को अंग्रेजी में हेल और उर्दू में जहन्नुम कहा जाता है।क्या स्वर्ग नरक होते हैं Kya svarg nark hote hain
ऐसा माना जाता है कि ईश्वर ने ही स्वर्ग और नर्क दोनों की रचना की है जहां व्यक्ति को उनके कर्म के हिसाब से रखा जाता है यदि हम पुराणों की माने तो हिंदुओं में मृत्यु का देवता यमराज कर्मों का हिसाब रखता है फिर यम के दूत यमदूत उन्हें स्वर्ग या नरक में भेजते हैं ऐसा गरुण पुराण में बताया गया है।
स्वर्ग और नर्क व्यक्ति को उसकी मृत्यु के बाद प्राप्त होते हैं और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज तक इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति मृत्यु के बाद लौट कर वापस नहीं आ पाया है। इसीलिए कुछ लोग स्वर्ग और नर्क के होने पर आपत्ति उठाते हैं कुछ लोगों का मानना है कि स्वर्ग और नर्क इंसान की सिर्फ कोरी कल्पनाए हैं जो व्यक्ति को उसकी मृत्यु के बाद अच्छे और बुरे जीवन जीने की ओर प्रेरित करती हैं।
आज से कई 100 साल पहले जब इंसान समझदार नहीं थे तब उन्हें स्वर्ग और नर्क का लालच दिया जाता था ताकि वे जीवन में अच्छे कर्म कर सके उन्हें बताया जाता था कि यदि वे जीवन में बुरे काम करेंगे तो उन्हें नर्क में यातनाएं झेलनी पड़ेगी। जिससे व्यक्ति डर जाता था और सोचता था कि यदि वह बुरा कार्य करेगा तो उसे नरक भोगना पड़ेगा और यदि जीवन में अच्छा कार्य करेगा तो उसे स्वर्ग और अप्सराओं की प्राप्ति होगी। इसी लालच में व्यक्ति सुधर जाया करते थे और अच्छे कर्म करने लगते थे यह एक प्रकार का लालच था जो पुराने समय में लोगों को दिया जाता था।
आज के समय के हिसाब से माने तो लोगों ने स्वर्ग और नर्क की चिंता करना छोड़ दिया है ऐसा पुराने समय में होता था जब लोगों को चिंता होती थी कि मृत्यु के बाद उन्हें क्या नसीब होगा। वह मरने के बाद स्वर्ग जाएंगे या नर्क जाएंगे लेकिन आज के समय में इंसान ने ऐसा सोचना छोड़ दिया है। आज के समय में इंसान अच्छे कर्म भी कर रहा है और बुरे कर्म इस बात की चिंता छोड़ कर कि उसे स्वर्ग प्राप्त होगा या नर्क प्राप्त होगा।
लेकिन यदि हम इंसान हैं और हमने इंसान रूप में जन्म लिया है तो यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम हमेशा अच्छे कर्म करें चाहे इसका नतीजा जो भी हो। हमें अपने जीवन में हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए और स्वर्ग और नर्क के बारे में चिंता करना छोड़ देना चाहिए। ये तो बात मृत्यु के बाद की है मृत्यु के बाद स्वर्ग मिलेगा या नर्क यह कह पाना मुश्किल है लेकिन हम अभी अपने जीवन में क्या कर रहे हैं यह सबसे ज्यादा मायने रखता है इसीलिए हमें हमेशा अच्छे कर्मों पर ध्यान देना चाहिए।