मुझे हारने की आदत हो गई है क्या करूँ | Harne ki adat
दोस्तो हमारी सफलता की एक सबसे बड़ी रुकावट है, वो है हमारे हारने की आदत, और ये हारने की आदत हमें बचपन से ही लग जाती है जब स्कूल में थे तब कम नंबर आने पर हम संतोष कर लिया करते थे, कॉलेज में भी यही हाल रहा।
अब जब बात आती है कॉन्पिटिशन एग्जाम देने की, तो बस हम एग्जाम दिए जा रहे हैं, और हर एग्जाम में अनक्वालिफाई हो रहे हैं और फिर भी एग्जाम दिए जा रहे हैं, तो कहने का मतलब ये दोस्तों, ये हमारा बार-बार अनक्वालिफाइ होना हमारी आदत को बिगाड़ रहा है, हम सिर्फ एग्जाम देते हैं फेल होते हैं फिर से एग्जाम्स देते हैं और हमें आदत लग जाती है हारने की।
मैं ये नहीं कहता कि कंपटीशन एग्जाम बार-बार देना ठीक बात नहीं, लेकिन दोस्तों में ये जरूर कहता हूं, कि यदि आप बार-बार फेल होते हैं तो ये बात आपके दिमाग में बैठ जाती है और आपकी आदत हारने की हो जाती है, फिर आप हर एक एग्जाम मज़ाक में देने लगते हैं आप सीरियस नहीं हो पाते।
इसीलिए दोस्तों अपने अंदर की प्रतिभा को पहचानिए कि आप किस काम के लिए बने हैं, और अपने आप को उस काम में पूरी तरह झोंक दीजिए। कहने का मतलब दोस्तों हम जो भी करें सफलता मिलनी चाहिए, “यूं गधों और खच्चरों की तरह मेहनत करते रहना हमारी आदत को बिगाड़ता है”
दोस्तों मैं जानता हूं कि मेरी कही बातें थोड़ी कड़वी है, लेकिन फिर भी इन बातों से आपको अगर थोड़ा सा भी मोटिवेशन मिला हो, तो मुझे कमेंट में जरूर बताइएगा।