हमारे पास क्या शक्ति है, क्या हमारे अंदर कोई शक्ति छुपी हुई है | Hamare andar ki shakti
दोस्तों हर इंसान के अंदर एक शक्ति छुपी हुई होती है आज हम उसी छुपी हुई शक्ति के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि कैसे हम उस शक्ति का उपयोग करके अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।
दोस्तों आज मैं आप के साथ बातें करने वाला हूं आपके अंदर छुपी हुई एक खास शक्ति के बारे में वो शक्ति है सोचने की शक्ति। जी हां!! दोस्तों आपकी सोच ही आप की सबसे बड़ी शक्ति है चलिए देखते हैं कैसे?
हमारे पास क्या शक्ति है
सोचने की शक्ति- दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि आपके सोचने में कितनी शक्ति है अभी आप आंख बंद करके ताज महल के बारे में सोचिए जस्ट तुरंत 1 सेकंड बाद मंगल ग्रह के बारे में सोचिए इसके बाद समुंदर की गहराइयों के बारे में सोचिए इसके बाद जंगल की बारे में सोचिए। देखा कैसे कुछ ही सेकंडओं में आपने मीलों की दूरी अपनी सोचने की शक्ति से तय कर ली।
मैं ये नहीं कहता कि ये शक्ति आपको वहां पर ले जा सकती है मेरा कहने का मतलब ये है कि यदि आप अपने सोचने की शक्ति का सही उपयोग करें तो आप एक सेकंड में दो अलग-अलग बातों को सोच कर उसका एक मतलब निकाल सकते हैं। जी हां दोस्तों जिन लोगों ने इसमे महारत हासिल कर ली है उन्हें ही हम आज के समय में जीनीयस कहते हैं। जीनीयस लोग अपने सोचने की शक्ति का पूरा उपयोग करते हैं।
आपने यह भी सुना होगा कि हमारा दिमाग कभी सोचना बंद नहीं करता चाहे हम जाग रहें हो, या हम नींद में हो, सपनों में भी हमारा दिमाग लंबी-लंबी दूरी तय करता रहता है। इंसानी दिमाग बना ही नई-नई चीजों को सीखने के लिए है। सभ्यता के विकास से लेकर आज तक हम नई-नई चीजें सीख रहे हैं। अभी आपने अपने हाथ में जो चीज पकड़ी हुई है इंसानी सोच की ही खोज है।
पहले इंसान अपने रिश्तेदारों अपने चाहने वालों अपने प्यार करने वालों से दूर रहता था और हमेशा यही सोचता था काश कि वे उन्हें देखने बात करने को मिल जाए। यही सोच धीरे-धीरे आगे विकसित हुई और एक ऐसी चीज बना डाली जो अभी आपके हाथों में है और आप सारी दुनिया में किसी से भी कभी भी देख और सुनकर बात कर सकते हैं।
मैं यहाँ तकनीक की बात नहीं कर रहा हूं मैं बात कर रहा हूं इंसानी सोच की। आपने भी कई बार अकेले में सोचा होगा कि यदि मैं दुनिया का अमीर आदमी बन जाऊं तो कैसे रहूंगा क्या खाऊंगा क्या पी लूंगा आपने अपने मन में बहुत सी कल्पनाएं की होगी, आखिर यह सब क्या है आपका दिमाग आपसे क्या चाहता है वह आप से चाहता है कि आप तरक्की करें आप आगे बढ़े। हमारा दिमाग चुप रहने और शांत रहने के लिए नहीं बना है।
क्या हमारे अंदर कोई शक्ति छुपी हुई है
लेकिन हम इस सोच को अपनी शक्ति बनाना चाहते हैं तो हमें अपनी सोच पर नियंत्रण पाना होगा हमें अपनी नकारात्मक सोच को सकारात्मक में बदलना होगा हमें अपनी सोचने की शक्ति का प्रयोग अपनी तरक्की के लिए करना होगा। एक बार आपने अपनी सोच पर काबू पा लिया अपने सोचने की शक्ति को नियंत्रित कर लिया और किसी एक विषय या वस्तु के बारे में आपने गहनता से विचार किया तो देखी फिर कैसी आपके मन में नए-नए आइडियाज आएंगे। इंसान ने सबसे पहले उड़ने के बारे में सोचा था और उसी सोच को पूरा करते करते एक दिन इंसान ने हवाई जहाज बना ही डाला। यह क्या है? यह सोच का ही नतीजा है।
आपके मन में यह प्रश्न उठा रहा होगा कि सोचने बस से यदि सब कुछ मिल जाता तो हम तो कब से सोच रहे हैं लेकिन हमें कुछ नहीं मिल रहा दोस्तों आप नकारात्मक सोच रहे हैं अपनी सोच को सकारात्मक बनाए धीरे-धीरे आपका शरीर स्वयं ही आपसे काम करवाने लगेगा आप सफलता की ओर स्वयं ही बढ़ने लगेंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा। आप अभी यह सोच रहे हैं कि मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं इसलिए आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं और ना कभी कर पाएंगे आप यह सोचिए कि मैं कुछ करूं मैं क्या करूं मैं क्यों कुछ नहीं कर रहा हूं तो धीरे-धीरे आपका शरीर ऑटोमेटिक आपसे कुछ ना कुछ करवाने लगेगा।
इससे पहले इंसानों ने चांद के पास जाने के बारे में सोचा था और उसकी सोच का नतीजा सामने है हम कुछ समय बाद बंगल में जाने वाले हैं चांद अब हमारे लिए पुरानी चीज बन चुका है । इसीलिए अपने मन में आने वाले फालतू के विचारों पर काबू पाएं और अपनी सोच को बदलिए और देखिए आपकी सोचने की ताकत जो आपको एक क्षण में ताजमहल से समंदर की गहराइयों तक ले जा सकती है वो आपको 1 दिन सच में ले जाकर दिखाएगी।
दोस्तों ये बात याद रखिएगा आप अभी जो हो, आप वही हो, जो आपने आज से 5 साल पहले अपने बारे में सोचा था। क्योंकि आज अभी अपने बारे में जो आप सोचते हो आगे आने वाले 5 सालों में आप वही बन जाते हो। तो कहने का मतलब हमारी सोच हमें बदलती है आपने एक डायलॉग सुना होगा “कि अगर सच्चे दिल से किसी चीज को चाहो तो सारी कायनात उसे आपको आपसे मिलाने में लग जाती है” बस यही बातें हमारी जीवन में भी लागू होती हैं।
यदि हम किसी चीज को सच्चे दिल से चाहें, चाहे वह नेगेटिव हो या पॉजिटिव सारी कायनात हमें उससे मिलाने में लग जाती है, इसे कहते हैं “लॉ ऑफ अट्रैक्शन” इसके बारे में कई किताबें छप चुकी हैं। यदि आप अच्छा चाहेंगे तो आपको अच्छा मिलेगा और यदि आप बुरा चाहेंगे तो आपको बुरा मिलेगा। अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप चाहते क्या हैं? और आप अपनी उस चाहत उस सोच के पीछे कितने इमानदार हैं।
दुनिया को बदलने से पहले अपनी सोच को बदलिए यदि आपने अपनी सोच को बदल लिया और अपने मन पर काबू पा लिया तो इससे बड़ी जीत आपको कभी भी नहीं मिलेगी। पोस्ट पसंद आई हो तो कमेंट में अपनी राय जरूर दीजिएगा।