दुर्गा अष्टमी पूजन विधि | Durga ashtami puja vidhi hindi
आज हम जानेंगे की दुर्गा अष्टमी के दिन हमें किस तरह से मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
नवरात्र के 9 दिनों में अष्टमी का बहुत महत्व होता है हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी को सबसे शुभ दिन माना जाता है। इसे महाअष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। आज हम जानेंगे की दुर्गा अष्टमी के दिन हमें किस तरह मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
दुर्गा अष्टमी के व्रत को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि अष्टमी के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन देवी ने अपना भयानक और रौद्र रूप धारण किया था। इसीलिए इस दिन को देवी भद्रकाली के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से मां दुर्गा अष्टमी का व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। अष्टमी का व्रत रखने से मां दुर्गा अपने भक्तों से प्रसन्न होती हैं और उनके मन की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं और उन्हें माता रानी का आशीर्वाद मिलता है।
नवरात्रि के 9 दिनों में दुर्गा अष्टमी का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन देवी मां अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है। इस दिन देवी का उपवास करने वाले भक्तों को जीवन में समृद्धि, व्यापार में लाभ, काम मे सफलता, मन की शांति, पापों से मुक्ति, रोगों से छुटकारा और भी अन्य कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।
अष्टमी पूजन विधि
1. दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर घर और पूजा के स्थान की साफ सफाई अच्छे से कर लें और स्वयं भी अच्छी तरह स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
2. जिस स्थान पर पूजा करनी हो वहां पर गंगाजल या नर्मदा जल का छिड़काव करें यदि आपके पास यह जल उपलब्ध नहीं है तो आप साफ-सुथरे जल का उपयोग भी कर सकते हैं। इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल आसन का कपड़ा बिछाकर उस पर मां दुर्गा की छोटी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
3. इसके बाद माता रानी का श्रृंगार करें और उन्हें लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार आदि का सामान माता रानी के चरणों में रख दें।
4. अब मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने धूप और दीप प्रज्वलित करें।
दुर्गा अष्टमी पूजन विधि
5. कुमकुम और अक्षत से तिलक करें। मौली, लाल पुष्प, लौंग, कपूर आदि सभी को मिलाकर विधि पूर्वक पूजन करें।
6. पान के ऊपर सुपारी और कुछ पैसे रखकर माता की चौकी पर माता के चरणों के समक्ष रखें।
7. अब मां दुर्गा को फल फूल और मिष्ठान अर्पित करें।
8. सारी पूजा के दौरान मां दुर्गा का स्मरण करते रहे और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। "श्री दुर्गा चालीसा का पाठ"
9.पूजा पूरी हो जाने के बाद मां दुर्गा की आरती करें।
10. मां दुर्गा की आरती कर लेने के बाद किसी भी तरह की हुई भूल के लिए मां दुर्गा से क्षमा मांगे।
11. अपने दोनों हाथ जोड़कर अपना माथा मां चरणों के सामने टिका दें और मां को प्रणाम करें। ऐसा करने से आपकी पूजा संपूर्ण होगी और माता रानी आप से प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देंगी
इस तरह से पूजा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। यदि अष्टमी के दिन इस तरह से पूजा की जाती है तो माता रानी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में अष्टमी का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है इसीलिए इस दिन विशेष तौर पर माता रानी की पूजा की जाती है। यदि आप भी अपने मन की इच्छा और मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं तो माता रानी के 9 दिनों में अष्टमी के दिन जरूर उपवास रखें। यदि आप पूरे 9 दिन उपवास नहीं रख सकते हैं ऐसी स्थिति में आप चाहे तो सिर्फ अष्टमी के दिन ही उपवास रख सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको माता रानी की कृपा प्राप्त होगी। "जय माता दी"
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