गौमाता: गाय को माता क्यों कहा जाता है | cow ko mata kyo kehte hain
हिंदू धर्म में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है। हिंदू धर्म में गाय की पूजा एक माँ की तरह की जाती है और गाय को गौमाता कहा जाता है। आज हम जानेंगे कि आखिर क्यों गाय को गौ माता कहा जाता है।
गाय को गौमाता क्यों कहा जाता है
आज के समय में भी समाज में गाय को गौमाता कहा जाता है। यदि हम शास्त्रों के अनुसार माने तो ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की थी तो सबसे पहले गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था। सभी जानवरों में सिर्फ गाय ही एक ऐसा जानवर है जो मां शब्द का उच्चारण करता है। इसीलिए माना जाता है कि मां शब्द की उत्पत्ति भी गौमाता से हुई है। गाय हम सभी को एक पुत्र की तरह दूध पिलाती है और पालन-पोषण करती है गाय हमें दूध देती है, गाय के गोमूत्र के कई फायदे हैं और गाय के गोबर के कंडे का उपयोग हम ईंधन के रूप में करते हैं। इस तरह से देखा जाए तो गाय हमारे लिए बहुत ही उपयोगी पशु है। गाय के इतने सारे उपयोग होने के कारण ही गाय को एक मां का दर्जा दिया गया है। क्योंकि जिस तरह एक मां अपने बच्चों का लालन पोषण करती है उसी तरह गौमाता भी अपने बच्चों और हमारा लालन पोषण करती है हमें दूध देती है गोबर देती है गोमूत्र देती है।
बचपन में भगवान कृष्ण ने भी गाय की सेवा की थी। उन्होंने अपना बचपन एक ग्वाले के रूप में बिताया है। और अपने बचपन में गायों की सेवा की है, गायों का दूध पिया है और माखन खाया है। इसीलिए भगवान कृष्ण को भी बाल गोपाल कहा जाता है और भगवान कृष्ण ने संपूर्ण समाज को यह शिक्षा दी है कि गाय का दूध मां के दूध के समान ही होता है। इसीलिए हमें अपनी मां की तरह ही गाय की भी सेवा करनी चाहिए और गाय को गौ माता कहना चाहिए।
इन सभी कारणों के कारण हिंदुओं में गाय को गौ माता कहा जाता है और गाय को एक माता का दर्जा प्राप्त है। गाय हिंदुओं के लिए पूजनीय है गाय की पूजा हिंदू हर त्यौहार पर्व में करते हैं उन्हें खाना खिलाते हैं, उनके शरीर पर हाथ फेरते हैं ऐसा माना जाता है कि शरीर गाय के शरीर में हाथ फेरने से कई तरह के पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति का कल्याण होता है। इसीलिए शास्त्रों में गौ सेवा को स्थान दिया गया है जो व्यक्ति गाय की सेवा करता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
गाय हिंदुओं के लिए मां है आपके क्या विचार हैं इस बारे में कमेंट में जरूर बताइएगा।