श्री दुर्गा चालीसा का पाठ | | Durga chalisa lyrics in hindi
मां दुर्गा की पूजा दुर्गा चालीसा के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है की नवरात्रि में श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार के शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और हमें शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। सभी प्रकार की इच्छाएं पूरी होती हैं।
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि या किसी अन्य शुभ अवसर पर मां दुर्गा की स्तुति के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करना बहुत ही शुभ माना गया है। आप चाहे तो दुर्गा चालीसा का पाठ रोजाना भी कर सकते हैं। दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। 1 वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं आप चाहें तो इन नवरात्रि के दिनों में दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं। ये पाठ बहुत ही सरल और आसान है जिसे कोई भी पढ़ सकता है।
सर्व मंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्रयम्बके गौरी, नारायणी नमोस्तुते।।
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श्री दुर्गा चालीसा
नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥१
निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥२
शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥३
रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४
तुम संसार शक्ति लै कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥५
अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥६
प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥७
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८
रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥९
धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।
परगट भई फाड़कर खम्बा ॥१०
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥११
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२
क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥१३
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥१४
मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥१५
श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ १६
केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥१७
कर में खप्पर खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजै ॥१८
सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥१९
नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँलोक में डंका बाजत ॥ २०
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥२१
महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥२२
रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥२३
परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥ २४
अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥२५
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥२६
प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥२७
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥ २८
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥२९
शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥३०
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥३१
शक्ति रूप का मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥ ३२
शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥३३
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥३४
मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥३५
आशा तृष्णा निपट सतावें ।
मोह मदादिक सब बिनशावें ॥ ३६
शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥३७
करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥३८
जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥३९
श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ ४०
देवीदास शरण निज जानी ।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥४१
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॥दोहा॥
शरणागत रक्षा करे, भक्त रहे नि:शंक ।
मैं आया तेरी शरण में, मातु लिजिये अंक ॥
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॥ इति श्री दुर्गा चालीसा ॥
दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों को बहुत से फायदे मिलते हैं। भक्तों के मन की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज हम मां दुर्गा चालीसा के पाठ करने से होने वाले फायदों के बारे में जानेंगे।
1. नवरात्रि के दिनों में या किसी शुभ अवसर पर श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, भौतिक और भावनात्मक खुशी मिलती है। जिससे उसका मन हमेशा प्रसन्न रहता है।
2. यदि हम अपने मन को शांत करना चाहते हैं तो हमें रोजाना श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए। बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी मां दुर्गा चालीसा का पाठ किया करते थे और अपने मन को शांत रखा करते थे। इसी तरह वे अपनी इंद्रियों पर काबू पाया करते थे।
3. प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करने से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हमारे अंदर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
4. दुर्गा चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार के दुश्मनों का नाश होता है।
5. दुर्गा चालीसा का पाठ करने से परिवार को वित्तीय नुकसान संकट और अलग-अलग प्रकार के दुखों से बचाया जा सकता है हम कह सकते हैं कि दुर्गा चालीसा का पाठ हमारे परिवार की रक्षा करता है।
6. यदि सच्चे मन से मां दुर्गा का पाठ किया जाए तो मां दुर्गा भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान देती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
इसीलिए हमें भी प्रतिदिन या हो सके तो नवरात्रों के दिनों में श्री दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए ताकि हमारी भी मनोकामनाएं मां दुर्गा पूरी कर सके "जय माता दी"
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