होली में होलिका नहीं, अपनी इन 10 बुराइयों को जलाओ | Holi me apni buraiyon ko jalao
होलिका दहन की कहानी तो आप सभी को मालूम ही होगी कि कैसे भक्त प्रहलाद को जलाने की कोशिश में उसकी बुआ होलिका वरदान प्राप्त होने के बाद भी खुद जल जाती है, कहने का मतलब दोस्तों बुराई कितनी भी पॉवरफुल क्यों ना हो लेकिन एक ना एक दिन अच्छाई के सामने घुटने टेक ही देती है।
आज हम यहाँ बात करेंगे होलिका दहन के असली मक़सद के बारे में जो सिर्फ आग जलाना नहीं है।
होली जलाने से मतलब है:-
- अपने अंदर की बुराइयों को जलाना,
- अपनी ईर्ष्या को जलाना,
- अपने लालच को जलाना,
- अपने लोभ को जलाना,
- अपनी छोटी सोच को जलाना,
- अपनी गलतियों को जलाना,
- अपने फेलियर को जलाना,
- अपनी कमजोरियों को जलाना,
- अपनी बुरी आदतों को जलाना,
- अपने पापों को जलाना,
और अपने अंदर छुपे हुए उस चूहें जैसे इंसान को जलाना जिसके पास कोई दम नहीं, जो आपको रोक कर रखे हुये है।
अपने अंदर का इतना सब कुछ जलाने के बाद निकल जाओ, सारी दुनियाँ को अपना रंग दिखाने के लिए। क्योंकि अब आपका रंग दुनियाँ के सामने कभी फ़ीका नहीं पड़ेगा।
और दोस्तों आप भी ऐसी ही होली जलाना पसंद करते है तो कमेंट में Happy Holi जरूर लिखियेगा....
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