भगवान से मन की बात कैसे कहें | Bhagwan se man ki baat kaise kahen
भगवान से अपने मन की बात कहते समय हमारा मन एकदम पवित्र होना चाहिए हमारे मन में अनचाहे और बुरे विचार बिल्कुल भी नहीं आने चाहिए। भगवान से अपने मन की बात कहने का एक निश्चित समय निर्धारित करना चाहिए और उसी समय प्रतिदिन प्रार्थना करनी चाहिए। भगवान से अपने मन की बात कहने का मतलब दूसरों को नुकसान पहुंचाना नहीं है आप ऐसी कोई प्रार्थना नहीं कर सकते जिससे दूसरों का नुकसान हो। आप भगवान से सिर्फ अपने मन की बात कह सकते हैं इसीलिए अपने मन को संयम में रखकर धैर्य के साथ भगवान को अपनी मन की बात कहें।
भगवान से अपने मन की बात कहने का 1 तरीका
यदि आप भगवान से अपने मन की बात कहना चाहते हैं तो सबसे पहले एक एकांत स्थान में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी रीड की हड्डी को बिल्कुल सीधा करें और दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें आप चाहे तो दोनों हाथों को जोड़ भी सकते हैं। इसके बाद सबसे पहले अपने इष्ट गुरु या ईश्वर का ध्यान करें। इसके बाद शांत मन से जो भी आप भगवान से कहना चाहते हैं उसे कह दें… और अपनी कही गई मन की बात को गोपनीय ही रखें। जब भी मौका मिले भगवान से दोबारा अपने मन की बात कहें। इसी तरह से आप भगवान तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं यही एकमात्र तरीका है भगवान से अपनी बात भगवान तक अपनी बात पहुंचाने का।
अगर आप इन तरीकों को अपनाते हैं और सच्चे मन से भगवान से प्रार्थना करते हैं तो यकीन मानिए एक दिन आपकी प्रार्थना जरूर सुनी जाएगी और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी भगवान पर अपना विश्वास बनाए रखें।