सरस्वती जी की आरती लिरिक्स | Saraswati ji aarti lyrics in hindi
बसंत पंचमी का पर्व आने वाला है और हर साल की तरह इस बार भी बसंत पंचमी के मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं मां सरस्वती जी की आरती। मां सरस्वती जी की आरती पढ़ने से ज्ञान में वृद्धि होती है। मां सरस्वती जी की आरती पढ़ने से मां सरस्वती अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। हमें रोज मां सरस्वती की आरती पढ़नी चाहिए। इसीलिए स्कूलों में भी कक्षा प्रारंभ करने से पहले मां सरस्वती जी की आरती का आह्वान किया जाता है।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
सरस्वती जी की आरती
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥
चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय…..
बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय…..
देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय…..
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय…..
धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय…..
मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय…..
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय…..
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ॐ जय सरस्वती माता।।
मां सरस्वती जी की आरती का आवाहन हमें रोज करना चाहिए इससे हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है और हमें सद्बुद्धि प्राप्त होती है। मां सरस्वती जी की इस आरती को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जरूर शेयर करें।