राहुल गांधी के भाषण देने का तरीका | Rahul Gandhi's speech style

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राहुल गांधी के भाषण देने का तरीका | Rahul Gandhi's speech style

युवा दिलों की धड़कन राहुल गांधी को कौन नहीं जानता। राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और उनकी उम्र 51 वर्ष हो गई है लेकिन आज भी जब वे भाषण देते हैं तब सबका मन मोह लेते हैं। उनके भाषण देने का एक अलग ही अंदाज है जो कि सुनने वालों को बहुत पसंद आता है राहुल गांधी हमेशा अपने भाषण में सच्ची बातें बताते हैं। सच्चाई से जुड़ी हुई उनकी बातें सुनने वाले श्रोताओं को बहुत पसंद आती है।

राहुल गांधी के भाषण देने का तरीका | Rahul Gandhi's speech style
राहुल गांधी के भाषण देने का तरीका | Rahul Gandhi's speech style

राहुल गांधी के भाषण देने का तरीका

राहुल गांधी भाषण देते समय लोगों की निजी जीवन से जुड़े हुए मुद्दे उठाते हैं वे लोगों की समस्याओं को अच्छी तरह से समझ कर उन्हें कैसे हल करना है और किस तरह से समस्याओं से निजात पाया जा सकता है इस तरह की बातें अपने भाषण में करते हैं। राहुल गांधी हमेशा अपने कड़े शब्दों से अपने विपक्षी नेताओं के ऊपर कड़ा प्रहार करते हैं। राहुल गांधी अपने भाषण से अच्छे-अच्छे नेताओं और पत्रकारों की बोलती बंद कर देते हैं जब भी अपनी बात कहते हैं तब पत्रकारों के पास उनकी बातों का जवाब देने के लिए कोई शब्द नहीं रह जाता।

राहुल गांधी खुले मंचों के अलावा संसद में भी लोगों के मुद्दे उठाते हैं राहुल गांधी कभी-कभी अपने भाषणों में हास्य व्यंगओं का भी प्रयोग करते हैं और वे लगातार सोशल मीडिया में अपने ट्वीट के जरिए अपने विपक्षी नेताओं के ऊपर प्रहार करते रहते हैं। राहुल गांधी हमेशा अपने ट्वीट में देश में चल रहे आर्थिक और सामाजिक मुद्दों के बारे में बात करते हैं जो कि उनके चाहने वालों को बहुत पसंद आता है।

राहुल गांधी अपना भाषण पहले से तैयार करके या किसी से लिखवा कर नहीं बोलते। वक्ता के तौर पर उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। याद कीजिए जब राहुल गांधी ने 2013 में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के जयपुर सम्मेलन में वाइस प्रेसिडेंट बने थे तब उन्होंने आखिरी बार लिखा हुआ भाषण पढ़ा था। भाषण अंग्रेजी से शुरू करके वे हिंदी में शिफ्ट हुए थे, लेकिन अब वे अपने भाषण की शुरुआत हिंदी से ही करते हैं और धाराप्रवाह हिंदी बोलते हैं।

पप्पू वाली इमेज से बाहर आ गये हैं राहुल गांधी

विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी की इमेज राजनीति में पप्पू की बना दी थी लेकिन धीरे-धीरे राहुल गांधी अपनी पप्पू की इमेज से बाहर निकल चुके हैं अब उन्हें कोई भी राजनेता पप्पू नहीं कहता, जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है। राहुल गांधी ने अपनी इमेज को पूरी तरह से बदल लिया है अब राहुल गांधी एक संपूर्ण नेता बन गए हैं। राहुल गांधी के द्वारा हाल ही में दिए गए भाषणों को आप यूट्यूब पर सुन सकते हैं आपको समझ में आ जाएगा कि राहुल गांधी अपनी पप्पू वाली इमेज से कहीं आगे निकल चुके हैं उनके भाषणों में दम होता है जिसे खारिज नहीं किया जा सकता।

राहुल गांधी लगभग अपने हर भाषण की शुरुआत करने से पहले मंच पर बैठे हुए तमाम नेताओं का उल्लेख करते हैं। कांग्रेस के मंच पर नेताओं की लगभग भीड़ लगी रहती है। राहुल गांधी सभी राजनेताओं का नाम लेते हैं। राहुल गांधी प्रेस और मीडिया का भी पूरा ध्यान रखते हैं इसीलिए भी वे बाकी नेताओं से अलग हैं। राहुल गांधी जब भी अंग्रेजी में भाषण देते हैं तो उनके शब्द कभी बिखरते नहीं क्योंकि मूलतः वह अंग्रेजी भाषा बोलने वाले व्यक्ति हैं। लेकिन इसके बाद भी जब भी वे हिंदी बोलते हैं तब सबका मन मोह लेते हैं 

याद कीजिए पिछले साल 2021, 16 अगस्त को बेंगलूर में इंदिरा किचन का उद्घाटन करते हुए राहुल गांधी ने बेहतरीन भाषण दिया था। वे अंग्रेजी में बोले और उनकी भाषा में कहीं झोल नहीं दिखा था। वे लगातार बोलते रहे और बढ़िया बोले। अब राहुल गांधी से सिर्फ निजी खुन्नस रखने वाली ही कह सकते हैं कि राहुल गांधी के भाषण बेकार होते हैं। इसके अलावा उनके भाषणों को कोई भी बेकार नहीं कह सकता।

राहुल गांधी अपने भाषणों में वन लाइन का भी प्रयोग करते हैं। चाहे बात करें 'गब्बर सिंह टैक्स' की या 'सूट बूट की सरकार'  ये पॉपुलर पंच लाइन बन गई थी। चाहे वन लाइनर की बात हो या फिर उनके व्यंग वाले ट्वीट इसके लिए राहुल गांधी बहुत फेमस हैं।

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