नर्मदा परिक्रमा और इसका महत्व | नर्मदा परिक्रमा करने से होने वाले फायदे | Narmada parikrama mahatv aur fayade
भारत में नदियों को एक महत्वपूर्ण दर्जा दिया गया है। बहुत सी ऐसी नदियां हैं जिन्हें मां का दर्जा दिया गया है। क्योंकि नदियां मां के समान ही अपने भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं। उन्हीं में से एक नदी है नर्मदा नदी। नर्मदा नदी को भी लोग मां के समान मानते हैं और मां नर्मदा नदी की परिक्रमा करते हैं।
भारत की संस्कृति के अनुसार नर्मदा
नर्मदा नदी को भारत की संस्कृति के अनुसार एक पवित्र नदी माना जाता है नर्मदा को शास्त्रों में नर्मदा देवी कहा गया है। नर्मदा की परिक्रमा एक धार्मिक यात्रा है जो कि पैदल की जाती है लेकिन आजकल नर्मदा परिक्रमा बसों और गाड़ियों के द्वारा भी की जा रही है। ऐसा बताया जाता है कि जिसने भी नर्मदा परिक्रमा पूरी कर ली उसने अपने जीवन में सबसे बड़ा काम कर लिया। शास्त्रों के अनुसार माने तो मां गंगा को भी पवित्र होने के लिए नर्मदा में स्नान के लिए आना पड़ा था इसीलिए शास्त्रों के अनुसार नर्मदा की परिक्रमा का बहुत ही अधिक महत्व है।
नर्मदा परिक्रमा और इसका महत्व | नर्मदा परिक्रमा करने से होने वाले फायदे |
नर्मदा परिक्रमा के दिन
भक्तों के द्वारा की जाने वाली नर्मदा परिक्रमा के दिनों को यदि गिना जाए तो सही मायनों में नर्मदा परिक्रमा 3 वर्ष 3 माह और 13 दिन में पूरी होती है। लेकिन कुछ लोग इसे 108 दिनों में भी पूरा करते हैं। आजकल के नए सड़क मार्ग के द्वारा समय की काफी बचत हो जाती है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नर्मदा की परिक्रमा बसों और गाड़ियों के द्वारा भी करते हैं। कुछ लोग जो शारीरिक रूप से कमजोर या ज्यादा उम्र हो जाने के कारण पैदल यात्रा नहीं कर पाते इसीलिए ऐसे लोग अन्य साधनों का उपयोग करते हैं इसमें कोई बुराई नहीं।
नर्मदा परिक्रमा करने से होने वाले लाभ
नर्मदा परिक्रमा करने से भक्तों को बहुत लाभ मिलता है। मन को शांति मिलती है। शरीर स्वस्थ रहता है। और किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता। मां नर्मदा अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। जो व्यक्ति नर्मदा परिक्रमा कर लेता है उस व्यक्ति को भी बहुत पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नर्मदा परिक्रमा करने से सभी प्रकार के पाप धुल जाते हैं। जिन लोगों ने नर्मदा परिक्रमा पूरी कर ली है उन लोगों ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया है कि नर्मदा की परिक्रमा बहुत ही रोमांचक होती है रास्ते में मुश्किलें भी आती हैं लेकिन मां नर्मदा का नाम लेने से सभी मुश्किलें आसानी से हल हो जाती हैं और हर जगह मां नर्मदा के तट पर उनके भक्त मिल जाते हैं जो नर्मदा परिक्रमा वासियों की बहुत सेवा करते हैं
नर्मदा परिक्रमा करने के नियम
नर्मदा परिक्रमा करने के कुछ नियम है जो नर्मदा परिक्रमा वासियों के द्वारा पूरे किए जाते हैं इन नियमों को ध्यान में रखकर ही मां नर्मदा की परिक्रमा की जाती है।
1. नर्मदा परिक्रमा करते समय प्रतिदिन नर्मदा नदी में ही नहाना या स्नान करना चाहिए।
2. प्रतिदिन नर्मदा नदी के जल का ही सेवन करना चाहिए। अन्य किसी भी जगह के जल का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. परिक्रमा करते समय पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
4. नर्मदा परिक्रमा के दौरान किसी भी तरह की दान दक्षिणा नहीं लेनी चाहिए। यदि कोई श्रद्धा पूर्वक दे तभी दान को ग्रहण करना चाहिए।
5. परिक्रमा करते समय व्यर्थ के वाद विवाद और अब शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
6. परिक्रमा करते समय प्रतिदिन नर्मदा के दक्षिण तट पर 5 मील और नर्मदा के उत्तरी तट पर साढे 7 मील से अधिक दूरी की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए।
7. नर्मदा परिक्रमा करते समय अपने साथ बहुत ज्यादा सामग्री लेकर नहीं चलना चाहिए।
8. परिक्रमा के द्वारा बाल नहीं कटवाने चाहिए और ना ही बार-बार नाखून काटने चाहिए।
9. परिक्रमा के दौरान नहाते समय कभी भी साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। और साज-सज्जा के लिए तेल आदि को भी नहीं लगाना चाहिए।
10. नर्मदा नदी की सही परिक्रमा अमरकंटक से शुरू होकर अमरकंटक में ही समाप्त होती है। लेकिन कुछ लोग इसे अन्य जगहों से भी शुरू करके खत्म करते हैं। लेकिन हमेशा एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि मां नर्मदा की परिक्रमा जहां से शुरू हो वहीं पर खत्म की जानी चाहिए।
11. नर्मदा नदी की परिक्रमा पूरी हो जाने के बाद ब्राह्मण, साधुओं और कन्याओं को भोजन आदि कराना चाहिए इसके बाद उनका आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए।
12. आखिर में मां नर्मदा से प्रार्थना करनी चाहिए कि भी लोगों का कल्याण करें और इसी तरह बहती रहें।
कल कल करती, प्यास बुझाती, आगे बढ़ती जाए, नर्मदा मैया, सब की प्यास बुझाए...
जय मां नर्मदे, हर हर नर्मदे हर🙏