क्या हिजाब पहनना जरूरी है | Is it necessary to wear Hijab in Hindi
आज हम बात करने वाले हैं हिजाब के बारे में। सबसे पहले ये जान लेना जरूरी है कि हिजाब क्या है? और इसे कैसे पहना जाता है? हिजाब एक तरह का कपड़ा होता है जिससे सर के बालों, कान, गला को ढका जाता है।
अभी हाल ही में देश में हिजाब पहनने को लेकर माहौल बहुत गरमाया हुआ है क्योंकि अभी कुछ दिनों पहले कर्नाटक में कालेज की छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से कॉलेज में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई। और यह मामला काफी गरमा गया विपक्ष और पक्ष के कई नेता इस विवाद में कूद गए और अपने अपने बयान देने लगे। ऑनलाइन भी इस विवाद को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है। हम आपको यहां स्पष्ट कर दें कि हिजाब और बुर्के में काफी अंतर होता है हिजाब और बुर्के को पहनने का तरीका भी अलग अलग होता है सबसे पहले हम समझेंगे हिजाब और बुर्के में अंतर।
हिजाब और बुर्के में अंतर
हिजाब और बुर्के में बहुत अंतर होता है दोनों के पहनने का तरीका अलग होता है कुछ देशों में बुर्का बैन है लेकिन हिजाब पहनने की इजाजत दी गई है।
हिजाब क्या होता है
हिजाब एक तरह का कपड़ा होता है जिसे सिर से लेकर गले और बालों को ढका जाता है। हिजाब पहनने वाली महिलाओं का चेहरा साफ दिखाई देता है। हिजाब सिर्फ महिलाओं के बालों को ढकता है मुस्लिम धर्म के अलावा भी बहुत से ऐसे धर्म हैं जिनमें हिजाब पहना जाता है।
बुर्का क्या होता है
बुर्का एक तरह का कपड़ा होता है जो कि ज्यादातर काले रंग का होता है इसे पहनने पर महिलाओं का पूरा शरीर ढक जाता है। चेहरा भी दिखाई नहीं देता। सिर्फ आंखों के आगे एक जाली नुमा पट्टी होती है जिससे महिलाएं सामने देख सकती हैं
क्या हिजाब पहनना जरूरी है
ऐसा किसी किताब में नहीं लिखा कि हिजाब पहनना महिलाओं के लिए जरूरी है। ये उस महिला की इच्छा के ऊपर निर्भर करता है कि वह हिजाब पहनना चाहती है या नहीं पहनना चाहती।
दुनिया में ऐसे बहुत से धर्म है जिनमें महिलाएं अपने सिर, बाल और चेहरे को ढकती हैं कोई घुंघट से, कोई हिजाब से, कोई बुर्के से या कोई नॉर्मल स्कार्फ लगाकर। सभी देशों की अपनी-अपनी अलग संस्कृति होती है। लेकिन हम जिस देश में रह रहे हैं उस देश का कानून हमें मानना चाहिए। लेकिन कानून में यह कहीं नहीं लिखा कि महिलाओं को जबरदस्ती हिजाब पहनाया जाए। ये महिला की इच्छा के ऊपर निर्भर करता है कि वह किस तरह के कपड़े पहनना चाहती है। और अपना कितना अंग दिखाना चाहती है और कितना ढकना चाहती है। इस पर कोई जबरदस्ती नहीं की जा सकती। ये मानव अधिकारों के उल्लंघन के अंतर्गत आता है। हम किसी भी व्यक्ति को जबरदस्ती फोर्स नहीं कर सकते किसी भी तरह के कपड़े पहनने के लिए।
स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनना जरूरी है
ऐसा कोई जरूरी नहीं है कि हम स्कूल या कॉलेज में हिजाब पहने महिलाएं चाहे तो अपनी इच्छा से हिजाब पहन सकती हैं या उतार सकती हैं। यदि महिला हिजाब पहनना चाहती है तो स्कूल या कॉलेज के ड्रेस कोड के कलर के हिसाब से हिजाब पहन सकती है। लेकिन ना जाने क्यों आज के समय के बच्चे पढ़ाई लिखाई में कम ध्यान देकर इस तरह की बातों में ज्यादा ध्यान देते हैं। बच्चों को चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, ना कि किस तरह के कपड़े पहनने हैं और किस तरह के कपड़े नहीं पहने हैं इस तरह की बातों में ध्यान दें।
आज दुनिया कहां से कहां पहुंच रही है और हम हिजाब, बुर्के, घुंघट आदि को लेकर लड़ रहे हैं। आखिर ये हमारे देश में हो क्या रहा है यदि ऐसा ही चलता रहा तो दिन-ब-दिन भारत देश पीछे होता चला जाएगा।
मजहब अगर दिल से निकल कर दिमाग में आ जाए तो जहर बन जाता है!