ईमानदार पत्रकार! ईमानदार मीडिया! imaandaar patrakar media
पत्रकारिता को लोकतंत्र या प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। लेकिन आज के समय में ये बात कहां तक सही है आप ही सोचिए। आज की मीडिया बिकाऊ है आज के समय में जो मीडिया के हाल चल रहे हैं उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है। एक समय हुआ करता था जब मीडिया और पत्रकारिता निष्पक्ष और ईमानदार हुआ करती थी मीडिया प्रशासन से सवाल करती थी ना की उसकी तरफदारी।
यदि मीडिया एक पक्ष को साथ लेकर पत्रकारिता करेगी तो उसे पत्रकारिता नहीं कहा जा सकता। पत्रकारिता का मतलब होता है सवाल जवाब करना। उन सवालों के उत्तर खोजना जो कि जनता चाहती है जिन सवालों को जनता सीधे प्रशासन से नहीं पूछ सकती उन सवालों को प्रशासन से पूछना मीडिया का काम है। देश का प्रत्येक नागरिक मीडिया से यही चाहता है की मीडिया उनकी समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाएं ताकि प्रशासन उन समस्याओं को हल करने के बारे में विचार करें। यदि मीडिया ही एकपक्ष धारी हो जाएगी तो ऐसे में निष्पक्ष पत्रकारिता कहां हो पाएगी। और आजकल सोशल मीडिया और इंटरनेट के जमाने में पत्रकारिता और भी घातक रूप लेते जा रही है।
मीडिया को चाहिए कि वह निष्पक्ष होकर पत्रकारिता करें जनता के सवालों को प्रशासन तक पहुंचाएं और प्रशासन के उत्तर को जनता तक पहुंचाएं ताकि जनता की समस्याओं का समाधान हो सके। लेकिन आजकल के समय में मीडिया ऐसा कहां कर रहा है मीडिया एक पक्षधारी हो गया है और अपने आपको इमानदार मीडिया कह रहा है। कहने से क्या होता है देखने वाले सब देख रहे हैं कि मीडिया का झुकाव किस ओर है और किस ओर नहीं।
जब तक देश की मीडिया निष्पक्ष होकर पत्रकारिता नहीं करेगी तब तक देश का विकास नहीं हो सकता। आपके क्या विचार हैं कमेंट में जरूर बताइएगा।