बचपन की यादें | bachpan ki yaden

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बचपन की यादें | bachpan ki yaden

‘सन 2000 से पहले’ जन्म लेने वालों की सुंदर यादें। 2000 से पहले जन्म वाले जरुर पढ़े बहुत अच्छी फीलिंग आयेगी:-

बचपन की यादें | bachpan ki yaden

हम लोग, जो 1947  से  2000 के बीच जन्में  है, हम बहुत सच्चे और अच्छे हैं क्योंकि...

हमें कभी भी हमारें माता- पिता को हमारी पढाई को लेकर अपने प्रोग्राम आगे पीछे नही करने पड़ते थे।

स्कूल के बाद हम शाम को सूरज डूबने तक खेलते थे।

हम अपने सच्चे और पक्के दोस्तों के साथ खेलते थे, सोशल मीडिया फ्रेंड्स के साथ नही ।

जब भी हम प्यासे होते थे तो नल से पानी पीना सेफ होता था और हमने कभी मिनरल वाटर को नही ढूँढा । 

हम कभी भी चार लोग गन्ने का जूस उसी गिलास से ही पी करके भी बीमार नही पड़े ।

हम एक प्लेट मिठाई और चावल रोज़ खाकर भी बीमार  नही हुए ।

नंगे पैर घूमने के बाद भी हमारे पैरों को कुछ नही होता था ।

बचपन की यादें | bachpan ki yaden

हमें स्वस्थ रहने के लिए सप्लीमेंटस नही लेने पड़ते थे ।

हम कभी-कभी अपने खिलौने खुद बना कर भी खेलते थे ।

हम ज्यादातर अपने माता-पिता के साथ या दादा-दादी के पास ही रहे ।

हम अक्सर 4/6 भाई बहन एक जैसे कपड़े पहनना शान समझते थे, कॉमन वाली नही एकतावाली फीलिंग एन्जॉय करते थे।

हमारे पास मोबाईल, इंटरनेट नही था, क्योंकि हमारे पास रियल दोस्त थे।

हम दोस्तों के घर बिना बताये जाकर मजे करते थे और उनके साथ खाने के मजे लेते थे। कभी उन्हें कॉल करके पूछना नही पड़ता था।

हम एक अदभुत और सबसे समझदार पीढ़ी है क्योंकि हम अंतिम पीढ़ी हैं जो की आज भी अपने माता पिता की सुनते हैं...और साथ ही पहली पीढ़ी जो की अपने बच्चों की सुनते हैं। 

अगर आप भी उन दिनों को मिस करते हैं, तो कमेंट में जरूर बताएं।


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