‘राम’ भगवान नहीं, एक महानायक है !
कहते है राम का नाम लेने से सारे रोग, दोष, दुःख, दर्द और कष्ट दूर हो जाते है। तो क्या हम सिर्फ राम का नाम लेते रहेंगे नहीं दोस्तों राम का नाम लेने की जरुरत बिल्कुल नहीं जरूरत है तो राम के गुणों को अपनाने की उनके सारे गुणों का बखान करना तो इस छोटे से आर्टिकल में मुमकिन नहीं फिर भी मैंने एक छोटी सी कोशिश की है उनके कुछ गुणों को बताने की जिन्हें अपना कर हम अपने जीवन को सफल बना सकते है:-
1.आज्ञाकारी पुत्र- राम एक आज्ञाकारी पुत्र थे, उन्होंने अपने माँ और पिता जी के कहने पर वनवास तक को अपना लिया था।
2.बचनबद्ध पति- अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए पूरे लंकेश साम्राज्य का पतन कर दिया था।
3.कर्तव्यनिष्ठ भाई- राम ने हमेशा एक बड़े भाई होने का कर्त्तव्य निभाया, चाहें बात हो भरत की या लक्ष्मण की।
4.मर्यादापुरुषोत्तम- समाज और अपने राजवंश की मर्यादा को बचाने के लिए उन्होंने सीता को तक त्याग दिया था।
5.साहसी- राम के पास ना बड़ी सेना थी और ना ही रथ और सारथी फिर भी उन्होंने अपनी छोटी सी वानर सेना के साथ मिल कर रावण को मारा क्योंकि उनके अंदर साहस था।
दोस्तो भले ही राम की भक्ति ना कीजिये लेकिन एक बार भगवान राम के गुणों को अपनी अंतर आत्मा में समा कर देखिए, कैसे सफलता आपके कदम चूमती है !
“आज राम भी होते तो यही कहते, मेरी भक्ति मत करो, मेरे जैसा बन जाओ”
मेरी बातें अच्छी लगी हो तो comment में लिखिए-
“जय श्री राम”