हिम्मतवालों का काम है! ‘कठोर परिश्रम और अथक प्रयास’ | kathor parishram

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हिम्मतवालों का काम है! ‘कठोर परिश्रम और अथक प्रयास’ 

दोस्तों ये आर्टिकल उन लोगों के लिए नहीं जो छोटी सफलताएं चाहते हैं, ये आर्टिकल उन लोगों के लिए है जो रुकना पसंद नहीं करते जिन्हें इस दुनिया में बड़ा करके दिखाना है। ‘भेड़चाल सफलता’ तो सबको प्यारी है आज सबको 20 से ₹25000 की नौकरी चाहिए लेकिन क्या आपने इससे आगे का कभी सोचा है अगर आपने सोचा है तो यह आर्टिकल दोस्तों आपके लिए है!

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कैसे करें कठोर परिश्रम और अथक प्रयास-

हम सब मेहनत करना चाहते हैं हम सब आगे बढ़ना चाहते हैं हम सब पैसे कमाना चाहते हैं हम सब सफल होना चाहते हैं लेकिन दोस्तों कई ऐसी बाधाएं हैं जिनके कारण हम कुछ कर नहीं पाते, हम चाहते हैं कठोर परिश्रम करना लेकिन हम कर नहीं पाते हम चाहते हैं कि हम ना थके लेकिन हम थक जाते हैं, तो आज मैं आपको बताता हूं कि आपको इन सब चीजों से कैसे बचना है!


# कठोर परिश्रम:- दोस्तों यह शब्द सुनने में जितना गंभीर है इसकी असलियत उससे कहीं ज्यादा गंभीर है, जब बात आती है कठोर परिश्रम करने की तो बहुत से त्याग करने होते हैं a)परिवार का त्याग b)अपनी खुशियों का त्याग c)अपने अंदर छुपी हुई शारीरिक और मानसिक इच्छाओं का त्याग d)हर एक इंद्री पर कंट्रोल रखना होता है कठोर परिश्रम कोई मजाक नहीं कठोर परिश्रम करने वालों ने ही दुनिया जीती है दोस्तों छोटे-छोटे परिश्रम तो हम सभी करते हैं और सफल भी हो जाते हैं, लेकिन बड़ी ऊंचाइयों में पहुंचने के लिए हमें बहुत से त्याग करने होंगे। “कठोर परिश्रम, त्याग का ही परिणाम होता है”

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# अथक प्रयास:- अथक प्रयास से मेरा मतलब है, एक ऐसा प्रयास जो कभी रुकता नहीं जो हमें हजार बार फेल होने के बाद भी यही कहता है कि नहीं अगली बार जरूर होगा, और जब वो अगली बार भी नहीं होता तब भी हम नहीं थकते, हम तब तक उसके पीछे लगे रहते हैं जब तक की वह हमें मिल ना जाए, इसे ही कहते हैं दोस्तों ‘अथक प्रयास’ जब आपके अंदर कठोर परिश्रम करने की शक्ति आएगी तो अथक प्रयास अपने आप ही पैदा हो जाएगा और यह अथक प्रयास ही है जो लोगों को सफलता की ऊंचाइयों तक ले कर जाता है।


ऊपर बताई गई बातें सिर्फ उन लोगों के समझ में आएंगी जो कठोर परिश्रम और अथक प्रयास की परिभाषा को समझते हैं, जो अपनी लाइफ में सीरियस है मस्ती मजाक भरी पोस्ट तो मैंने भी बहुत से डाले हैं लेकिन दोस्तों जब बात आती है बड़ी ऊंचाइयों को छूने कि वहां पर मस्ती मजाक नहीं होता वहां पर इतना सीरियस होना पड़ता है जितने की कल्पना करना भी मुश्किल है।


लेकिन दोस्तों अगर मन में ठान लिया जाए तो कुछ भी मुश्किल नहीं क्योंकि जो आगे बढ़े हैं वो भी हमारी तरह ही इंसान हैं उन्होंने भी अपनी भावनाओं को अपनी इच्छाओं अपनी इंद्रियों को दबाया है उन्हें कंट्रोल में रखा है, तब आज वे सफलता के शिखर की ऊंचाइयों को छू रहे हैं।


# अब आपके मन में आ रहा होगा कि यह सब करने का सही समय क्या है? तो मैं आपको बता दूं दोस्तों यह सब शुरू करने का सबसे सही समय “आज अभी और इसी वक्त है” 


ऐसे आर्टिकल्स को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना भी बिल्कुल मत भूलिएगा ताकि वो भी आपकी तरह आगे बढ़ सके।


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