‘चाय बेचनें वाला’ कैसे बना प्रधानमंत्री | chay bechne wala kaise bana PM
परिवार- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गांधीनगर गुजरात में हुआ इनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी था और माता जी का नाम हीराबेन। इनका विवाह 16 वर्ष की आयु में जसोदाबेन के साथ हुआ लेकिन आज वे इनके साथ नहीं रहते। इनके दो भाई भी हैं प्रह्लाद मोदी और पंकज मोदी।
शिक्षा- मोदी जी का बचपन बहुत ही संघर्ष और कठिनाइयों में गुजरा था उनकी शिक्षकों का कहना है कि वह पढ़ाई में सामान्य थे। संघ के प्रचारक बनने के बाद उन्होंने पत्राचार माध्यम से 1978 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और 1983 में गुजरात यूनिवर्सिटी से ही राजनीति विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की।
राजनीति जीवन-
इन्होंने सबसे पहली बार राजनीति में तब कदम रखा था जब उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में ज्वाइन होने का निर्णय लिय।
इन्होंने नागपुर में अपने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ता की ट्रेनिंग पूरी की।
इसके बाद उन्होंने अपनी युवावस्था में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को ज्वाइन कर लिया और अपना समय उन्हीं के प्रचार में बिताने लगे।
उनकी लगन और मेहनत को देखकर उन्हें बीजेपी के एक प्रतिनिधि के तौर पर चुन लिया गया।
शंकरलाल बघेला के साथ मिलकर मोदी ने गुजरात में बीजेपी के लिए एक आधार तैयार किया जिससे गुजरात में बीजेपी की पकड़ मजबूत हुई।
उन्हें राजनीति में एक और नई पहचान तब मिली जब 1995 में गुजरात में बीजेपी सत्ता में आई क्योंकि उस समय मोदी जी को सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक जाने वाली रथयात्रा की जिम्मेदारी सौंपी गई।
उस रथ यात्रा में उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे उन्हें अपनी पार्टी में अच्छी पहचान मिली।
इसके बाद मोदी जी को भारतीय जनता पार्टी का महामंत्री बना दिया गया और वे अपने काम को बहुत ही इमानदारी के साथ निभाने लगे।
सन 2001 में केशु भाई पटेल को हटाकर मोदी को पहली बार गुजरात की मुख्यमंत्री का पद दिया गया।
इसके बाद सन 2002 से 2007 के अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी ने अपना पूरा ध्यान आर्थिक विकास पर लगा दिया।
तीसरी बार गुजरात की मुख्यमंत्री चुनाव में मोदी ने 182 में से 122 सीट पर कब्जा किया और वे तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
इसके बाद चौथी बार गुजरात में मोदी जी को 182 में से 115 सीट मिली और वेद चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने (पहली बार उन्हें मुख्यमंत्री का पद दिया गया था इसके बाद 3 बार लगातार जीते)
इसके बाद उनकी लोकप्रियता पूरे देश में फैलने लगी इस कारण से भारतीय जनता पार्टी ने निर्णय लिया कि सन 2014 में होने वाले प्रधानमंत्री चुनाव के उम्मीदवार के रूप में उन्हें ही चुना जाएगा।
और सन 2014 में उन्होंने वह कर दिखाया जो आज तक के भारत के इतिहास में नहीं हुआ था उस समय भारतीय जनता पार्टी को 282 सीटों पर विजय मिली और कांग्रेस केवल 44 सीटों पर सिमट कर रह गई।
यह किसी भी पार्टी के लिए आज तक की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत थी.
आलोचना एवं विवाद-शुरुआत से ही नरेंद्र मोदी जी पर हिंदुत्ववादी होने और गुजरात के दंगों में उनका नाम जोड़ा जाता रहा है, लेकिन इन सब मुश्किलों से लड़कर वे आगे आए और आज वे भारत के प्रधानमंत्री हैं।
दोस्तों मेरे इस आर्टिकल को लिखने का मकसद यह था कि हम अपने देश की ही प्रधानमंत्री से सीख सकते हैं कि कैसे कोई व्यक्ति शून्य से शुरुआत करके 100 तक आ सकता है इसीलिए कहा जाता है दोस्तों कोई काम छोटा नहीं होता अपने काम को पूरी लगन मेहनत और शिद्दत के साथ कीजिए आपको एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।