सफलता का मंत्र : यज्ञ आहुति मांगता है safalta ka mantra
जी हां दोस्तों जिस तरह यज्ञ हमें फल देने के लिए आहुति मांगता है उसी तरह यदि हम अपने जीवन में सफलता चाहते है तो हमें भी आहुति देनी होगी।
यहां आहुति से मेरा मतलब परिश्रम, मेहनत, लगन, समय और त्याग से है।
वो कहते है ना कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है यही खोना हमारी आहुति है। प्रकृति का एक नियम है जब तक कुछ दोगे नहीं कुछ नहीं मिलने वाला। इसी लिए मेहनत और परिश्रम करने से कभी पीछे ना हटे। सफलता एक कुएं की तरह है जिसके पास हमें चल के जाना पड़ता है। कुआ हमारे पास नहीं आ सकता। और यदि आप कुए तक चलकर नहीं जा सकते तो आपको वहीं कुआ खोदना होगा जहां पर आप खड़े है। यही जीवन की सच्चाई है।
जिस तरह जमीन में बीज बोने के बाद उसमें से एक पौधा निकलता है फिर वही पौधा बड़ा होकर वृक्ष बनता है और हमें फल देता है। लेकिन फल को पाने के लिए पहले हमें बीज बोना होगा उसकी देख भाल करनी होगी तब जा कर हमें फल मिलेगा।
जीवन में कभी बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता और मेहनत से, सब कुछ मिलता है। वो कहते है ना कि मेहनत करने वालों को कभी हार नहीं होती देर से ही सही लेकिन मेहनत का जरूर मिलता है।
इसी लिए कहते है "यज्ञ आहुति मांगता है"