प्रेरक प्रसंग: ‘क्या पैसा ही सब कुछ है’
एक व्यक्ति नदी किनारे मछली पकड़ रहा था, क्योंकि उसने उस दिन के लिए पर्याप्त मछली पकड़ ली थी वो नदी किनारे बैठ कर आराम करने लगा।
उसी समय वहां सूट बूट पहने एक व्यक्ति आया उसने कहा “तुम यहां क्या कर रहे हो”
तब उस मछली पकड़ने वाले व्यक्ति ने कहा “मैंने आज के लिए पर्याप्त मछलियां पकड़ ली है अब मैं आराम कर रहा हूँ।
सूट वाले व्यक्ति ने कहा “तुम आराम क्यों कर रहे हो तुम और मछलियां पकड़ सकते हो”
तब उस व्यक्ति ने कहा “उससे क्या होगा”
तब उस सूट वाले व्यक्ति ने कहा इससे यह होगा “यदि तुम और मछलियां पकड़ोगे तो तुम्हें ज्यादा पैसे मिलेंगे ज्यादा पैसे मिलेंगे तो तुम अपनी एक नई बोट खरीद सकते हो नई बोट खरीदने के बाद तुम और भी मछलियां पकड़ पाओगे”
तब उस व्यक्ति ने कहा “उससे क्या होगा”
“उससे तुम अमीर व्यक्ति बन जाओगे तुम्हारे पास पैसे रहेंगे और तुम और भी वोट खरीद सकते हो और कुछ व्यक्तियों को नौकरी पर रख सकते हो”
उस मछली पकड़ने वाले ने फिर से कहा कि “उस से क्या होगा”
तब सूट वाले व्यक्ति ने परेशान होते हुए कहा “यार तुम मेरी बात समझते क्यों नहीं हो इतना सब होने के बाद तुम चैन से एक जगह बैठ कर आराम कर सकते हो”
तब उस मछली पकड़ने वाले व्यक्ति ने कहा “सर आपको क्या लगता है मैं आपके आने से पहले क्या कर रहा था”
और वह व्यक्ति फिर से वही आराम से लेट जाता है।
दोस्तों जिंदगी में पैसा सब कुछ नहीं होता जिंदगी में जो चीज मायने रखती हैं वे है आराम, सुख चैन और शांति, इन्हें ढूंढना नहीं पड़ता यह हमारे आस-पास ही होते हैं बस एक बार अपना नजरिया बदलना होता है यह नजरिए की ही बात होती है कि किसी को गिलास आधा खाली दिखाई देता है तो किसी को आधा भरा.