प्रेरक प्रसंग: ‘सरकारी नौकरी गई भाड़ में’ | Prerak prasang sarkari noukri

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प्रेरक प्रसंग: ‘सरकारी नौकरी गई भाड़ में’

दोस्तों यह कहानी है दो ऐसी बच्चों की जिनमें से एक बच्चा पढ़ाई में बहुत होशियार होता है दूसरा बच्चा पढ़ाई में मध्यम होता है और दोनों उम्मीद करते हैं कि उन्हें आगे चलकर सरकारी जॉब जरूर मिल जाएगी...


जो बच्चा पढ़ाई में होशियार होता है उसे कक्षा 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन के दौरान ही एक अच्छी खासी गवर्नमेंट जॉब मिल जाती है लेकिन जो बच्चा पढ़ाई में मध्यम होता है बहुत मेहनत करने के बाद भी उसे सरकारी जॉब नहीं मिल पाती देखते ही देखते उसका ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों कंप्लीट हो जाता है लेकिन इसके बाद भी उसे जॉब नहीं मिल पाती, और वहां परेशान होने लगता है।

प्रेरक प्रसंग: ‘सरकारी नौकरी गई भाड़ में’ | Prerak prasang sarkari noukri


अपनी पूरी कोशिश कर लेने के बाद जब उसे कोई जॉब नहीं मिलती, तो वह एक छोटा सा बिजनेस स्टार्ट करने के बारे में सोचता है।


और बात करें उस सरकारी नौकरी वाले लड़के की तो वह अपनी लाइफ लाइफ में पूरी तरह सैटल हो चुका होता है उसे 50 से ₹70 हजार सैलरी मिलना शुरू हो जाती है जो उसके जीवन यापन के लिए पर्याप्त है।


इधर पढ़ाई में मध्यम लड़का अपने बिजनेस को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने लगता है 5 से 6 सालों में उसकी मेहनत रंग लाती है और वह अपने कारोबार और बिजनेस को इतना बड़ा लेता है कि उसे 5 से 6 लोगों को जॉब में रखना पड़ता है और उन्हें व कम से कम 10-10 हजार की सैलरी देता है और खुद महीने के 1.5 से ₹2 लाख कमाने लगता है। और अपने पुराने दिन याद करता है जब वह किसी जॉब के पीछे भागा करता था।


दोस्तों जॉब पाने में ज्यादा समय नहीं लगता लेकिन जो मैं गिरते-गिरते आपकी पूरी जिंदगी खत्म हो जाती है लेकिन अपना बिजनेस स्टार्ट करने में थोड़ा समय लगता है पर एक बार बिजनेस चल गया तो आपकी जिंदगी और आपके आने वाले बच्चों की और आपकी पीढ़ियों की जिंदगी आराम से बीत जाती है ऐसे कई उदाहरण है जो आपको देखने को मिल जाएंगे


मैं ये नहीं कहता कि सरकारी नौकरी बेकार है, मैं ये कहता हूं कि सब को सरकारी नौकरी के पीछे नहीं भागना चाहिए।


 आपके क्या विचार हैं सरकारी नौकरी के बारे में मुझे कमेंट में जरूर बताइएगा….


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