प्रेरक प्रसंग: रट्टू तोते | Laghu Kahani Rattu tote
एक समय की बात है जंगल मे एक ऋषिमुनि रहा करते थे। उनके आश्रम के पास बहुत सारे तोतों का झुंड आ कर रोज़ शोर मचाता था।
एक दिन ऋषि ने सोचा क्यों ना इन तोतों का भला किया जाए इन्हें कुछ काम की बात सिखा कर। वो उन तोतों को अपने पास बुलाता है और उन्हें सिखाने लगता है “शिकारी आता है जाल फैलाता है, हमें जाल में नहीं फसना चाहिए” वो रोज़ बार-बार इस बात को दोहराता है। और सारे तोते बोलने भी लगते है।
कुछ समय बाद जंगल में एक शिकारी आता है जाल फैलाकर उसमे अनाज के दाने डाल देता है थोड़ी ही देर बाद वहाँ वही तोतों का झुंड आता है, जिस झुंड को ऋषि ने सीख दी थी। वो तोते आते है और आ कर दाने खाने लगते है और खाते-खाते कहते जाते है कि “शिकारी आता है जाल फैलाता है, हमें जाल में नहीं फसना चाहिए”
शिकारी अपना जाल उठता है और सभी तोते जाल में फस जाते है, शिकारी जाल को बांध कर तोतों को घर ले जाने लगता है और तोते सारे रास्ते में कहते जाते है कि “शिकारी आता है जाल फैलाता है, हमें जाल में नहीं फसना चाहिए”
दोस्तों इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि किसी चीज़ को रट लेने भर से कुछ नहीं होता, उसे समझना भी जरूरी होता है।