प्रेरक प्रसंग: ‘बिल्ली ने रास्ता काट दिया’
बात बहुत पुरानी है एक राहगीर रास्ते से अपने घर जा रहा था कि अचानक ही एक बिल्ली ने रास्ता काट लिया बिल्ली को देख कर राहगीर वहीं रुक गया और कहने लगा “हाय अब क्या अशुभ हो जाएगा” अशुभ हो जाने के डर से वहीं रुक गया।
तभी वहां से एक संत गुजर रहे थे उन्होंने उसे देखा और वहां पर उसके रुके रहने का कारण पूछा उसने पूरी घटना संत को बताई।
संत ने पूरी घटना को ध्यान से सुना और उससे पूछा “तुम कहां जा रहे हो?”
उसने कहा मैं अपने घर जा रहा हूं।
“फिर संत ने पूछा तुम क्यों जा रहे हो अपने घर?”
व्यक्ति ने कहा क्योंकि मेरे परिवार वाले मेरे बच्चे मेरी पत्नी मेरा इंतजार कर रहे हैं।
संत ने फिर पूछा “वे तुम्हारा इंतजार क्यों कर रहे हैं?”
राहगीर ने कहा हम गरीब आदमी हैं रोज कमाते खाते हैं वह भूखे होंगे और मैं उनके लिए खाना लेकर जा रहा हूं।
इस बार संत ने एक गहरी सांस ली और उस राहगीर से कहा
“जिस तरह तुम घर जा रहे हो बिल्ली भी अपने घर जा रही है”
“जिस तरह तुम्हारा परिवार है बिल्ली का भी परिवार है”
“जिस तरह तुम्हारे बच्चे हैं बिल्ली के भी बच्चे हैं”
“जिस तरह तुम्हारे बच्चे तुम्हारे ऊपर निर्भर हैं उसी तरह बिल्ली के बच्चे भी बिल्ली के ऊपर निर्भर है”
“जिस तरह तुम्हारे बच्चे भूखे हैं तुम खाना लेकर जा रहे हो उसी तरह बिल्ली के बच्चे भी भूखे हैं वह उनके लिए खाना लेकर जा रही है”
“तुम दोनों अपने काम में व्यस्त हो ऐसे में दोनों का रास्ते में मिल जाना सिर्फ एक इत्तेफाक है और कुछ नहीं”
इतना कहकर वे संत शांत हो गए और वहां से चले गए इसके बाद राहगीर ने भी अपना बोरिया-बिस्तर उठाया और घर की तरफ जाने लगा।
दोस्तों मैंने इस विषय पर एक वीडियो भी बनाई है जिसे आप नीचे देख सकते हैं:-
दोस्तों यह बताने की जरूरत नहीं कि इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है आपने कहानी ध्यान से पढ़ी होगी तो आप समझ गए होंगे।
मेरे विचार आपको कैसे लगे मुझे कमेंट में जरूर बताइएगा और आगे भी ऐसे ही पोस्ट पाने के लिए मेरे आर्टिकल को लाइक करके फॉलो का बटन दबाइएगा धन्यवाद।