‘कामयाब जीवन’ के लिए कबीर के 7 दोहे | Kabir ke dohe

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 ‘कामयाब जीवन’ के लिए कबीर के 7 दोहे | Kabeer ke dohe 

दोस्तों आज हम यहां पर बात करेंगे कबीरदास जी के 7 दोहों के बारे में, जो हमें सही राह दिखा कर हमारे जीवन को कामयाब बनाने में मदद करते हैं:-

Kabir ke dohe

१) रात गंवाई सोय के, दिवस गंवाया खाय ।

हीरा जन्म अमोल सा, कोड़ी बदले जाय।।

अर्थ: कबीर दास जी का कहना है कि, तुमने रात सो कर, दिन खा कर बर्बाद कर दिए, और जो तुम्हे ये हीरे जैसा जीवन मिला था, उसे कौड़ी भर का बना लिया।



२) धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,

माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।।

अर्थ: कबीरदास जी कहते है कि, मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है, अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींच भी दे तो भी, फल तब ही आएंगे जब ऋतु आएगी, जब समय आएगा( इसीलिए कहते हैं दोस्तों अपना काम करते रहो समय आने पर आपको सफलता मिल जाएगी)


३) जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ,

मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।।

अर्थ: जो प्रयत्न करते हैं, वे कुछ न कुछ पा ही लेते  हैं जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है, और कुछ ले कर ही आता है। लेकिन कुछ डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं कर पाते( किसी काम को करना जरूरी है दोस्तों काम के बारे में सिर्फ सोचते रह जाने से कुछ नहीं होता)


४) कबीर तन पंछी भया, जहां मन तहां उडी जाइ,

जो जैसी संगती कर, सो तैसा ही फल पाइ।।

अर्थ: कबीर कहते हैं कि व्यक्ति का शरीर पक्षी की तरह है, और जहां उसका मन होता है, शरीर उड़कर वहीं पहुँच जाता है। सच है कि जो जैसा साथ करता है, वैसा ही फल पाता है।


५) करता था तो क्यूं रहया,अब तक क्यूं पछिताय,

बोये पेड़ बबूल का, अमवा कहाँ से पाएं ॥

अर्थ: जब तू कर सकता था, तब तो तूने किया नहीं, और अब पछताने से क्या होगा। जब पेड़ ही बबूल का लगाया है तो आम कैसे मिल सकते है।( इसीलिए कहते हैं जैसा कर्म करोगे वैसा फल पाओगे)


६) मन के हारे हार है मन के जीते जीत,

कहे कबीर हरि पाइए मन ही की परतीत॥

अर्थ: जिसने मन को जीत लिया वह विजेता है, ईश्वर को भी मन के विश्वास से ही पा सकते हैं, यदि पाने का भरोसा ही नहीं तो कैसे पाएंगे?



७) पढ़ी पढ़ी के पत्थर भया लिख लिख भया जू ईंट,

कहें कबीरा प्रेम की लगी न एको छींट॥

अर्थ: ज्ञान हासिल करके यदि मनुष्य पत्थर सा कठोर हो जाए, ईंट जैसा निर्जीव हो जाए – तो क्या फ़ायदा? ऐसे ज्ञान का कोई लाभ नहीं, जिसके मन को प्रेम  ने नहीं छुआ, प्रेम की एक बूँद एक छींटा मनुष्य के जीवन को सफल बना देती है।


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