चाणक्य नीति: इन 3 कामों में संकोच नहीं करना चाहिए
चाणक्य ने अपनी नीतियों में इंसान के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताई हैं उन्हीं बातों में से यहां हम 3 के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्हें करने में हमें कभी संकोच नहीं करना चाहिए:-
1 भोजन करने में -
चाणक्य नीति के अनुसार हमें कभी भी भोजन करते समय संकोच और शर्म नहीं करनी चाहिए, क्योंकि भोजन से ही हमारा जीवन चलता है, भोजन के बिना हम कुछ नहीं, और हम अपने भोजन को खाने में ही संकोच करने लगे, तो हम शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से भी कमजोर हो जाएंगे।
2 ज्ञान लेते समय -
कभी भी किसी से ज्ञान लेते समय या शिक्षा प्राप्त करते समय संकोच नहीं करना चाहिए, जो हमसे नहीं बन रहा, जो हमसे नहीं आता, उसे हम बार-बार अपने गुरु से पूछ सकते हैं, गुरु आप से बड़ा हो या छोटा आप किसी से भी निसंकोच होकर ज्ञान ले सकते हैं।
3 उधार के पैसे मांगने में -
ऐसा आपके साथ भी हुआ होगा कि कभी किसी ने आपके अच्छेपन का फायदा उठाकर आपसे पैसे उधार लिए हो, और आप उसी उधारी के पैसे वापस नहीं मांग पा रहे हो, तो दोस्तों यह संकोच करना भी बंद कर दीजिए, वे आपके पैसे हैं, उस पैसों को आपने कमाया है, आप उन पैसों को निसंकोच होकर लोगों से मांग सकते हैं।
दोस्तों ऊपर बताए गए 3 काम, वही काम है जिनमें आप संकोच करना छोड़ दें तो काफी हद तक आप अपने जीवन को बदल सकते हैं और नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
“निसंकोच होकर अपनी बात कहिए, क्योंकि जिसने की शर्म, उसके फूटे कर्म”