मनुष्य जीवन के ‘4 कड़वे सच’ | kadve sach

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मनुष्य जीवन के ‘4 कड़वे सच’

आज हम बात करेंगे हमारे जीवन के चार कड़वे सच के बारे में, ये हमारे जीवन में कई बार आते हैं और यदि समय पर इन्हें हम समझकर सही निर्णय ले लेते हैं, तो हमारे आगे का जीवन सफल हो जाता है:-

मनुष्य जीवन के ‘4 कड़वे सच’

1. दिल में "बुराई" रखने से बेहतर है, कि "नाराजगी" जाहिर कर दो- बुराई रखना हर इंसान की आदत होती है, लेकिन दोस्तों हम बुराई रखकर अपना बोझ बढ़ाते हैं, और इसी को बढ़ा-बढ़ा कर हम इतना ज्यादा कर लेते हैं, कि उसी बोझ के तले एक दिन हमें ही मरना पड़ता है, इसलिए दोस्तों यदि आपको किसी से प्रॉब्लम है तो तुरंत ही उसे बोल दें बुराई रखने से कोई फायदा नहीं।


2. जहाँ दूसरों को "समझाना" कठिन हो, वहाँ खुद को समझा लेना ही बेहतर है- वो कहते है ना ‘भैंस के आगे बीन बजाने से कोई फायदा नहीं’ जब आप किसी को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, और वह समझने को तैयार ना हो, तो सबसे अच्छा है खुद को समझा लेना।


3. “उम्मीद" अपने आप से रखो, किसी और से नहीं- हमें बहुत सी उम्मीदें होती हैं दूसरों से, पर जब समय में वे लोग हमारी उम्मीदों को तोड़ते हैं तो दिल बहुत दुखता है, इसलिए दोस्तों हमेशा उम्मीद अपने आप से रखनी चाहिए, हिम्मत अपने आपको रखनी चाहिए, दूसरों से की गई उम्मीद और दूसरों से ली गई उधारी की हिम्मत, कभी समय पर काम नहीं देते।


4."ज्ञान" का "घमंड" लेकिन घमंड का ज्ञान नहीं- आजकल लोगों को अपने ज्ञान, अपने पैसे, अपनी पढ़ाई, अपनी डिग्री, अपनी खूबसूरती और अपनी नौकरी पर बहुत घमंड है, लेकिन दोस्तों उन्हें इस घमंड का ‘ज्ञान’ नहीं कि जिस घमंड को उन्होंने अपने सिर पर बैठा रखा है, वहीं उनकी इज्जत को कम भी कर रहा है 


दोस्तों पोस्ट पसंद आए तो, कमेंट में मुझे जरूर बताइएगा।


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