हर छठ क्यों मनाया जाता है | Har Chhath Puja
हरछठ क्यों मनाया जाता है
हरछठ को विभिन्न जगहों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है कहीं पर इसे हरछठ या फिर हलषष्ठी या ललही छठ भी कहते हैं हर छठ का व्रत केवल महिलाएं रख सकती हैं और वह भी ऐसी महिलाएं जिनके पुत्र हो ऐसी महिलाएं जिनके पुत्र नहीं है हर छठ का व्रत नहीं रख सकती।
हरछठ कब है और कब मनाया जाता है
हरछठ भाद्रपद की छठ के दिन मनाया जाता है यानी कि रक्षाबंधन के 6 दिन बाद सन 2020 में हरछठ 9 अगस्त रविवार के दिन है।
हरछठ कैसे बनाया जाता है
हर छठ के व्रत में महिलाएं सुबह से उठकर महुआ की दातुन से अपना मुंह साफ करती हैं और इसमें भैंस के दूध का प्रयोग किया जाता है इसमें गाय के दूध का प्रयोग नहीं किया जाता। माना जाता है कि हर छठ के दिन ही श्री कृष्ण के बड़े भाई श्री बलराम जी का जन्म हुआ था। इसीलिए इसे कहीं कहीं पर बलराम जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हरछठ की पूजा शाम के समय की जाती है।इस पूजा में सभी माताएं अपने अपने पुत्रों की लंबी उम्र की कामना करती है। इस त्यौहार का चलन मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा है। दोस्तों आपके क्षेत्र में इसे किस नाम से और कैसे मनाया जाता है आप मेरे साथ कमेंट में शेयर कर सकते हैं।