पितृ पक्ष में कौए को खाना क्यो खिलाया जाता है | crow fed on the paternal side
कौवा एक शातिर पक्षी होता है जो कि लगभग हर प्रकार की चीजों को खाता है यह पूरे काले रंग का होता है और कुछ कौए हल्के भूरे और कुछ हल्के सफेद रंग के भी होते हैं। कव्वे को यम का प्रतीक माना जाता है और सभी चाहते हैं कि यम देवता हमसे प्रसन्न रहें इसी लिए श्राद्ध के समय में कुछ लोग श्राद्ध का कुछ हिस्सा कौवे को देते हैं।
इसके अलावा कौवे को पूर्वजों का स्वरूप माना जाता है इसीलिए पिंडदान और श्राद्ध के समय कौवे को भोजन दिया जाता है। पितृपक्ष में कौवे के लिए भोजन लोग अपने छत पर रख देते हैं और कौवा आकर उस भोजन को खा लेता है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोवा आकर उस भोजन को खाता है तो आपके पूर्वज आपसे प्रसन्न हैं। वेद पुराणों में कौए को शुभ अशुभ का प्रतीक माना जाता है इसीलिए इसे खुश रखना भी जरूरी है। इसी तरह से पूर्वजों का आशीर्वाद पाने और कौवे को खुश रखने के लिए पितृपक्ष और श्राद्ध में पिंडदान के समय कौवे को भोजन कराया जाता है।