कहानी कल्पवृक्ष की ( kalpavriksha ki kahani )

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कहानी कल्पवृक्ष की ( kalpavriksha ki kahani )
कल्पवृक्ष की कहानी

कहानी कल्पवृक्ष की ( kalpavriksha ki kahani )


कल्पवृक्ष यनिके (Tree of Heaven) स्वर्ग का पेड़, कहा जाता है कि स्वर्ग में एक ऐसा पेड़ है जिसके नीचे या उसकी छाँव में बैठ कर जो भी मांगा जाए वो तुरंत ही उसे मिल जाता है। अब चलिए पढ़ते है इसी कल्पवृक्ष से जुड़ी एक रोचक कहानी को…

कल्पवृक्ष की कहानी:- 

एक समय की बात है गर्मियों का मौसम चल रहा था, एक राहगीर गर्मी से परेशान हो कर छाँव की तलाश में था, तभी उसे एक पेड़ दिखाई देता है वो तुरंत ही उस पेड़ के नीचे जाके आराम करने लगता है। 
कल्पवृक्ष की कहानी

        वो पेड़ होता है 'कल्पवृक्ष'!! उसी वृक्ष के नीचे आराम करते-करते वो राहगीर सोचता है कि काश यहाँ पीने के लिए ठंडा पानी भी होता। ऐसा सोचते है ठंडे पानी से भरा एक मटका उसके सामने आ जाता है।

       उसी मटके से थोड़ा पानी पीने के बाद वो राहगीर सोचता है कि काश इस मीठे ठंडे पानी के साथ खाने को भी कुछ होता, उसके ऐसा सोचते ही उसके सामने मीठे पकवानों से भरी हुई एक थाली प्रकट हो जाती है।

          ऐसा होते ही वो राहगीर सोचता है कि हो सकता है इस पेड़ में कोई शैतान रहता हो जो मेरे साथ ऐसा खेल खेल रहा है उसके ऐसा सोचते ही एक शैतान उस पेड़ के ऊपर आकर बैठ जाता है और अजीब तरह की आवाजें निकाल कर उसे डारने लगता है।
कल्पवृक्ष यनिके (Tree of Heaven) स्वर्ग का पेड़

           इतना सब होने के बाद वह राहगीर सोचता है कि कहीं ऐसा ना हो कि वह शैतान मेरे सामने ही आ जाए और उसके ऐसा सोचते ही वह शैतान उसके सामने आ जाता है उसे उसे को देखकर वह राहगीर बहुत घबरा जाता है और मन में यह सोचता है कि कहीं यह शैतान मुझे खाना ना ले? और उसके ऐसा सोचते ही वह शैतान उसे खा जाता है

       ठीक ऐसा ही हम लोगों के साथ भी होता है दोस्तों! अच्छा या बुरा सोचना हमारी सोच के ऊपर निर्भर करता है इसलिए हमेशा याद रखें कि अपनी सोच को सकारात्मक रखें नहीं तो ऐसे ही कोई शैतान आपको आकर खा जाएगा। 

       कल्पवृक्ष और शैतान तो एक कल्पना है लेकिन हम अपने विचारों को सकारात्मक रखें तो जो चाहें वो इस दुनिया से पा सकते हैं सारी दुनिया हमारे लिए कल्पवृक्ष है अब ये हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम इस दुनिया से क्या मांगते हैं!!

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  • -: इस कहानी को लिया गया है ब्रह्मचर्य ही जीवन है और वीर्यनाश ही मृत्यु है नामक किताब से जिसके लेखक हैं स्वामी शिवानंद। [  Brahmacharya is life and Sensualty is Death by Swami Shivanand ]

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