प्यार की परिभाषा क्या है | जानिए प्यार का असली मतलब | Pyaar ki paribhasha
“कुछ लोगों का मानना है कि प्यार की कोई परिभाषा नहीं होती” लेकिन मैं आपको बता दूं कि इस दुनिया में कोई भी ऐसी चीज नहीं जिसे परिभाषित ना किया जा सके!
प्यार का असली मतलब (definition of love in hindi)-
“प्यार वो भावना है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जीवों और अपने ईश्वर के लिए निःस्वार्थ पैदा होती है।”
इसीलिए हम कह सकते हैं कि प्यार एक भावना या इमोशन है। आज के समय में ज्यादातर प्यार शब्द को स्त्री-पुरूष के प्रेम प्रसंग से जोड़ कर देखा जाता है। लेकिन असल बात तो ये है कि प्यार कभी भी और इस दुनियां में पाई जाने वाली किसी भी चीज़ के साथ हो सकता है फिर चाहे वो चीज़ जीव हो या निर्जीव!
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प्यार कब होता है-
कहते है कि प्यार होने का समय और जगह कभी तय नहीं होती, जब जिसके साथ होना होता है हो जाता है। बचपन में हम अपने माता पिता से प्यार करते हैं। जैसे ही हमारी उम्र थोड़ी बढ़ती है हमें अपने दोस्तों अपनी चीज़ों से प्यार हो जाता है। जब हम और बड़े होते है तब हमें अपने साथी(स्त्री/पुरूष) और अपने काम से प्यार हो जाता है। जब हम वृद्धावस्था में पहुँचते है तो हमारा प्यार हमारे ईश्वर और बच्चों के प्रति बढ़ जाता है। कहने का मतलब है कि प्यार समय के साथ अपना रूप बदलता रहता है।
प्यार के प्रकार-
प्रत्येक व्यक्ति के प्यार करने के तरीकों में अंतर हो सकता है इसीलिए हम कह सकते हैं कि प्यार कई प्रकार का हो सकता है लेकिन यहां पर हम बात करेंगे प्यार के 4 प्रमुख प्रकारों के बारे में-
1. दोतरफा प्यार-
दोतरफा प्यार तब होता जब प्यार करने वाले दो लोग एक दूसरे बराबर प्यार करते हों किसी की भी तरफ से प्यार में कमी ना हो ऐसा प्यार किसी से भी हो सकता है प्रेमी, प्रेमिका, माँ, बाप, भाई, बहन।
2. एक तरफ़ा प्यार-
एक तरफा प्यार ज्यादातर प्रेमी या प्रेमिका के बीच देखने को मिलता है इसमें एक व्यक्ति दूसरे से अटूट प्यार करता है लेकिन दूसरा व्यक्ति उससे ज़रा भी प्यार नही करता। एकतरफा प्यार को सबसे खतरनाक माना जाता है।
3. सच्चा प्यार-
सच्चा प्यार एक तरफा भी हो सकता है और दो तरफा भी लेकिन इस तरह का प्यार होता सच्चे दिल से है इस तरह के प्यार में प्यार करने वाला अपने साथी या व्यक्ति के प्रति किसी भी तरह की कटुता, मतलब, लालच या द्वेष नहीं रखता।
4. झूठा प्यार-
झूठा प्यार ना तो एक तरफा होता है ना ही दो तरफा ये प्यार सिर्फ मतलब के लिए या लालच के लिए या अपनी हवस मिटाने के लिए किया जाता है। इस तरह का प्यार कभी भी लंबे समय तक नहीं टिक पाता इस तरह के प्यार में कभी-कभी दोनों तरफ से झूठा प्यार होता है और कभी-कभी एक तरफ से झूठा प्यार होता है।
(दोस्तों प्यार के मामले में एक लाइन हमेशा याद रखना कि प्यार हमेशा किसी स्त्री या पुरुष के बीच का प्रेम संबंध नहीं है प्यार एक भावना है जो किसी के भी लिए कभी भी पैदा हो सकती है, एक जानवर को भी अपने मालिक से प्यार हो जाता है। अगर आप सच्चे प्यार को समझते हैं प्यार की भावनाओं को समझते हैं तो आपने इस तरह की भावनाओं को कई बार महसूस किया होगा)
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