हनुमान जी से हमें क्या सीखना चाहिए | Hanuman ji se kya sikhe
दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे हनुमान जी के तीन गुणों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में अपार सफलता प्राप्त कर सकते हैं.
मेरी छोटी सी बुद्धि की इतनी क्षमता नहीं दोस्तों कि मैं हनुमान जी के अपार गुणों को अपने इस छोटे से आर्टिकल में बता सकूं फिर भी एक तुच्छ प्राणी होने के नाते जो मुझसे कोशिश हो सकी है मैंने की है.
हनुमान की भक्ति में जितनी शक्ति नहीं दोस्तों इतनी शक्ति उनके गुणों में हैं अगर आप एक बार हनुमानजी के गुणों को अपने अंदर डाल लें तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता तो चलिए दोस्तों बात करते हैं हनुमानजी के गुणों के बारे में-
हनुमान जी से हमें क्या सीखना चाहिए | Hanuman ji se kya sikhe
1. आपके ह्रदय में क्या है-
दोस्तों हनुमान जी के हृदय में हमेशा से श्रीराम थे उन्होंने अपना सीना चीर कर दिखाया था तो श्रीराम के दर्शन हुए थे, यह बात बहुत मायने रखती है दोस्तों कि आपके हृदय में क्या है आपका लक्ष्य क्या है आप जी क्यों रहे हैं आप इस जीवन में चाहते क्या हैं हनुमान जी का एक लक्ष्य एक टारगेट था वह थे श्री राम उन्होंने श्री राम के अलावा और कुछ नहीं सोचा आप भी अपना एक टारगेट एक लक्ष्य बनाइये दोस्तों और भिड़ जाइएये उसके पीछे,फिर देखिए क्या होता है।
हनुमान जी से हमें क्या सीखना चाहिए | Hanuman ji se kya sikhe |
2. अपने अंदर की शक्तियों को पहचानना-
जब हनुमान जी वानर सेना के साथ सीता माता की खोज में निकले तब रास्ते में एक बहुत ही विशाल समंदर पड़ा जिसे पार करना असंभव था सब लोगों ने अपने हाथ पीछे खींच लिए, लेकिन जब साथी जामवंत ने हनुमान को उनके अंदर छुपी हुई शक्तियों का एहसास कराया तो वह विशाल समंदर भी पार कर गए दोस्तों इसी तरह आप भी अपने अंदर की शक्तियों को पहचानिए मैं यह नहीं कहता कि आपके पास कोई सुपर पावर होगी, हां पर आप के पास इतनी पावर जरूर होगी कि आप इस दुनिया वालों को दिखा सके कि आपके अंदर क्या है.
3. जिम्मेदारी लेना-
जब लंका में युद्ध के दौरान लक्ष्मण घायल हो गए तो राम ने हनुमान जी से क्वेश्चन किया रिक्वेस्ट की क्या आप संजीवनी ला सकते हो हनुमान जी ने जिम्मेदारी लेते हुए कहा ‘हां में ला सकता हूँ’ दोस्तों वह कह भी सकते थे कि प्रभु यह काम मुझसे नहीं हो पाएगा लेकिन नहीं दोस्तों उन्होंने जिम्मेदारी ली और वह संजीवनी लेने गए वहां जाकर उन्होंने संजीवनी को नहीं पहचाना चाहते तो वापस आकर कह सकते थे कि भगवान मैं गया था लेकिन मैंने संजीवनी को नहीं पहचाना इसी लिए मैं खाली हाथ लौट आया, भगवान भी नाराज नहीं होते कहते चलो तुमने कोशिश तो की, लेकिन नहीं दोस्तों वह हनुमान थे उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को समझें और पूरा पर्वत उठाकर ले आए। “दोस्तों कुछ लोग होते हैं जो करके दिखाते हैं कुछ लोग होते हैं जो होता हुआ देखते हैं और कुछ लोग होते हैं जो यह देखकर हैरान होते हैं कि यह हो क्या रहा है” जब हनुमान जी पर्वत उठाकर लाए तो वह भगवान श्रीराम थे जो होता हुआ देख रहे थे सारी जनता और सेना हैरान थी कि यह हो क्या रहा है और वह हनुमान जी थे दोस्तों जिन्होंने यह कर दिखाया क्योंकि उन्होंने जिम्मेदारी ली “जिम्मेदारी है कि ऐसी चीज है दोस्तों जो किसी को दी नहीं जाती हमेशा किसी से ली जाती है”
तो दोस्तों आप भले ही हनुमान की भक्ति ना कीजिए, लेकिन हनुमान जी के गुणों को एक बार अपने अंदर डाल कर देखिए आपका जीवन बदल जाएगा आप सफलता की उस राह में चले जाएंगे जिसकी मंजिल आपको मिलनी ही मिलनी है “जय बजरंगबली”
मेरे द्वारा बताई गई बातें दोस्तों अगर आपको अच्छी लगी हो तो कमेंट में मुझे अपनी राय जरूर दीजिएगा.