सकारात्मक सोच की शक्ति | Power of Positive Thinking Best article in Hindi
दोस्तों आप अभी जो भी हो, जैसे भी हो, अपनी ही सोच का नतीजा हो। जी हां दोस्तों आज से 10 साल पहले या 5 साल पहले जो भी आपने निर्णय लिया था, जिस भी तरह की आपने बात सोची थी, जो भी फैसला आपने अपने जीवन के बारे में किया था, आज आप वही बन गए! हो एक बार मेरी बातों में अच्छे से गौर कीजिएगा।सकारात्मक सोच की शक्ति | Power of Positive Thinking Best article in Hindi |
क्या है सकारात्मक सोच?
जब हम किसी बुरी बात के बारे में ये सोचते हैं कि ये बात हमारे साथ नहीं होनी चाहिए और हम इस बात को बार-बार सोचते हैं। तो अंत में वही बात हमारे साथ होती है।
अब आप कहेंगे दोस्तों कि हम तो हमेशा सकारात्मक सोचते हैं लेकिन क्यों हमारे साथ हमेशा नकारात्मक बातें हो जाती है, दोस्तों दरअसल होता ये है हम तो सकारात्मक सोचते हैं लेकिन हमारा मन कभी भी सकारात्मक बातें नहीं सोचता मन हमेशा नकारात्मक बातों में ज्यादा ध्यान लगाता है, आप कितना भी नकारात्मक बातों से दूर भागने की कोशिश कर लीजिए आपका मन आपको एक ना एक बार नकारात्मकता में जरूर लेकर जाएगा।
उदाहरण के लिए- यदि मैं आप से कहूं कि आप 10 सेकंड तक ‘काले हाथी’ के बारे में मत सोचिएगा। तो आपके साथ क्या होगा? आप पूरे 10 सेकंड तक सिर्फ ‘काले हाथी’ के बारे में ही सोचते रहेंगे।
यही हमारे मन के साथ भी होता है दोस्तों, हम जिस बात से दूर भागने की कोशिश करते हैं हमारा मन हमेशा उसी ओर जाने की कोशिश करता है, और अंत में हमारे साथ वही होता है जिसके बारे में हमारा मन लगातार सोचता है और ज्यादा सोचता है।
सकारात्मक सोच की शक्ति | Power of Positive Thinking Best article in Hindi |
कैसे छोड़े नकारात्मक बातें सोचना-
नकारात्मक सोच की कोई दवाई नहीं दोस्तों! जिसे आप एक घूंट पी लें और हमेशा के लिए सकारात्मक हो जाएं, अपने आपको एक सकारात्मक व्यक्ति बनाने के लिए आपको एक बॉडी बिल्डर से भी ज्यादा मेहनत करनी होगी या कहा जाए इसके लिए आपके मन को मेहनत करनी होगी, आपको योग करना होगा, आपको ध्यान करना होगा, आपको अच्छी किताबें पढ़नी होगी, तभी आप अपने आप को एक सकारात्मक व्यक्ति बना सकते हैं।
और दोस्तों मेरी बातों में यकीन कीजिए यदि आप अपने आप को एक बार सकारात्मक व्यक्ति बना लें तो आप सफलता के उस मुकाम तक पहुंच सकते हैं जिसके बारे में लोग सिर्फ कल्पना करते हैं, क्योंकि आज के समय में ज्यादातर इंसान नकारात्मक सोच का शिकार है।